तिरुवनंतपुरम। हाल ही में केरल में एचआईवी पॉजिटिव लोगों का पता लगाने के लिए एक रिसर्च की गई जिसमें कम से कम दो महिलाएं और 10 पुरुष एचआईवी पॉजिटिव पाए गए। लेकिन इसके साथ एक खास बात यह सामने आई है कि राज्य में वेश्यावृत्ति भी हाई टेक हो गई है।
राज्य में एचआईवी पॉजिटिव लोगों का पता लगाने के लिए रिसर्च करने वाले एक गैर-सरकारी संगठन का कहना है कि केरल में वेश्यावृत्ति के लिए भी स्मार्ट फोन और एप का प्रयोग होने लगा है। शोध में कहा गया कि इस पेशे से जुड़े अधिकांश लोग वॉट्सएप के जरिए अपना धंधा चलाते हैं और मुलाकात का स्थान तय करते हैं।
केएसएसीएस ( केरला स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी) परियोजना के निदेशक आर. रमेश ने बातचीत में कहा कि उनके पास स्मार्ट फोन और वाट्स एप के नंबर हैं, वे उन लोगों के हैं जो संस्था में पंजीकृत हैं। रमेश ने कहा, 'हम लगातार इन लोगों के साथ काम करने में व्यस्त रहते हैं और यौन संबंधित संचारित रोगों से बचाव के लिए इन लोगों को नियमित मेडिकल जांच की सुविधा प्रदान करते हैं।'
उन्होंने कहा कि इस पेशे से जुड़ीं अधिकांश महिलाएं गरीब परिवारों से हैं, लेकिन इसमें एक, दूसरे और तीसरे वर्ग के लोग भी शामिल हैं। रमेश ने कहा, 'दूसरे वर्ग में वे लोग हैं, जो पार्ट टाइम पेशेवर हैं और वेश्यावृत्ति से तब जुड़ते हैं, जब पैसे की जरूरत होती है। तीसरे वर्ग में वे लोग शामिल हैं जोकि विलासितापूर्ण जीवनशैली जीना चाहते हैं। लेकिन तकनीक का आगमन सभी के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ है।'
केरल में फिलहाल 15,802 महिलाएं और 11,707 पुरुष वेश्यावृत्ति से जुड़े हुए हैं और ऐसे लोगों से संबंधित जानकारी सरकारी अस्पतालों और संस्थाओं के पास है लेकिन बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं है।