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शरद पवार के घर पर हुई बैठक के बाद बची अनिल देशमुख की कुर्सी

हमें फॉलो करें शरद पवार के घर पर हुई बैठक के बाद बची अनिल देशमुख की कुर्सी
, सोमवार, 22 मार्च 2021 (00:15 IST)
नई दिल्ली। मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह के भ्रष्टाचार के आरोपों की पृष्ठभूमि में राकांपा के राज्य प्रमुख और महाविकास आघाडी सरकार में वरिष्ठ मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफा देने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर यहां 3 घंटे चली बैठक के बाद पाटिल ने कहा कि प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के बाहर विस्फोटक सामग्री वाले वाहन की घटना और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के मामले से ध्यान भटकाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इन दो घटनाओं पर ध्यान है और उसके बाद उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे।
 
पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता है। इससे पहले पवार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि देशमुख पर फैसला महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करेंगे।
 
देशमुख के खिलाफ मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीरसिंह के आरोपों के परिप्रेक्ष्य में राकांपा के शीर्ष नेताओं की यहां बैठक हुई। सिंह ने दावा किया है कि देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी मुंबई में होटल और बार से उनके लिए हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली करें।
 
पवार ने वरिष्ठ नेताओं सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, राकांपा के महाराष्ट्र प्रमुख और जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल के साथ बैठक की। शरद पवार ने कहा कि देशमुख के खिलाफ सिंह के आरोप गंभीर हैं और उनकी गहन जांच किए जाने की जरूरत है।
 
पवार के आवास पर बैठक से पहले शिवसेना के नेता संजय राउत ने भी उनसे मुलाकात की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने भी अलग से पवार से मुलाकात की।

ATS ने सचिन वाजे को बनाया मुख्य आरोपी : व्यवसायी मनसुख हिरन की कथित हत्या के मामले में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने एक पुलिसकर्मी और एक सट्टेबाज को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता पाई है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी और बताया कि मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे ने अपराध में मुख्य भूमिका निभाई थी और वह मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आया है।
 
उन्होंने कहा कि शनिवार देर रात गिरफ्तार दोनों आरोपियों की पहचान पुलिसकर्मी विनायक शिंदे और सट्टेबाज नरेश गौर के रूप में हुई है। अधिकारी ने दिन में सट्टेबाज का नाम नरेश धरे बताया था लेकिन बाद में उसका नाम नरेश गौर बताया गया।
 
उन्होंने बताया कि शिंदे 2006 के लाखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले का दोषी है और वह पिछले ही साल फर्लों पर जेल से रिहा हुआ था। उसके बाद से ही शिंदे वाजे के संपर्क में था। वाजे फिलहाल राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में है, जो उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास 25 फरवरी को विस्फोटक भरे वाहन मिलने के मामले की जांच कर रही है।
 
उक्त मामले में प्रयुक्त वाहन (एसयूवी, स्कॉर्पियो) मनसुख हिरन का था। हिरन का शव 5 मार्च को ठाणे में मिला। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को हिरन हत्याकांड की जांच भी एनआईए को सौंप दी थी।
 
अधिकारी ने बताया कि हिरन हत्या कांड में सचिन वाजे मुख्य आरोपी है। उसने मुख्य भूमिका निभाई है। जांच के दौरान एटीएस को पता चला कि गौर ने एपीआई वाजे और शिंदे को अपराध के लिए पांच सिमकार्ड मुहैया कराए थे। शिंदे अवैध गतिविधियों में वाजे की मदद किया करता था।
 
उन्होंने कहा कि एटीएस जांच कर रही है कि क्या मामले में और लोग भी संलिप्त हैं और उनकी क्या भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि एटीएस जांच कर रही है कि मुख्य षड्यंत्रकारी (हिरन हत्याकांड में) कौन है।’’
 
उन्होंने कहा कि दोनों आरोपियों को मामले में पूछताछ के लिए शनिवार को एटीएस मुख्यालय बुलाया गया था, बाद में उन्हें गिरफ्तार किया गया।’
 
अधिकारी ने बताया कि राज्य एटीएस ने अभी तक कई लोगों से पूछताछ की है, जिनमें पुलिस अधिकारी और मृतक के परिजन शामिल हैं। इन दो लोगों की गिरफ्तारी इस मामले में महत्वपूर्ण प्रगति है।
 
एटीएस ने हिरन हत्याकांड के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ भादंसं की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाने), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 34 (साझा मंशा) के तहत मामला दर्ज किया है। इस बीच भाजपा ने कहा कि इस पूरे खेल में वाजे सिर्फ एक मोहरा हो सकता है। (भाषा)

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