मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजी गई बिना हस्ताक्षर वाली चिट्ठी का सत्यापन कराया जा रहा है। यह जानकारी शनिवार रात को यहां जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई है। परमबीर सिंह ने इस पत्र में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि परमबीर सिंह, कमांडेंट जनरल, होमगार्ड के नाम से मुख्य मंत्री सचिवालय के आधिकारिक इमेल पते पर पत्र आया है। बयान में कहा गया कि जिस ई-मेल पते से पत्र आया है उसे सत्यापित किया जा रहा है और राज्य का गृह विभाग सिंह से सपंर्क साधने का प्रयास कर रहा है।
बयान में कहा गया कि ईमेल पते को सत्यापित करने की जरूरत है क्योंकि आधिकारिक दस्तावेजों में दर्ज सिंह का ई-मेल पता अलग है। सिंह ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पुलिस अधिकारियों से हर महीने बार और होटलों से वसूली करने को कहते थे।
देशमुख ने बयान जारी कर कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं और ये आरोप सिंह द्वारा खुद को बचाने और महा विकास अघाड़ी सरकार की छवि को खराब करने की साजिश के तहत लगाए गए हैं।
मानहानि का केस दर्ज कराऊंगा : गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शनिवार को कहा कि वे भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिए मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराएंगे। इससे पहले, राकांपा नेता देशमुख ने ट्वीट कर सिंह के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बार, रेस्त्रां और अन्य प्रतिष्ठानों से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूलने के लिए कहा था।
देशमुख ने एक बयान में सिंह से यह भी पूछा कि वे इतने लंबे समय तक क्यों चुप रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि बुधवार को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटाए गए सिंह सचिन वाजे प्रकरण में अपने आपको बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सिंह द्वारा मुझ पर लगाए गए आरोप झूठे हैं और मैं उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराउंगा। देशमुख ने कहा कि मुकेश अंबानी मामले और मनसुख हिरन मौत मामले में सचिन वाजे की संलिप्तता के बारे में पता चल चुका है और जांच की आंच परम बीर सिंह तक पहुंचने वाली है। इसी आशंका के चलते उन्होंने ये आरोप लगाए हैं।'
उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटकों से लदा एक वाहन पाए जाने से जुड़े मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद इस हफ्ते की शुरूआत में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सिंह का तबादला कर होमगार्ड में भेज दिया गया था। सिंह ने कहा कि उन्हें इस मामले में बलि का बकरा बनाया गया।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में सिंह ने कहा कि देशमुख ने वाजे से कहा था कि उन्होंने बार, रेस्त्राओं और ऐसे ही अन्य प्रतिष्ठानों से हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली करने का लक्ष्य रखा है। इनमें से आधी रकम शहर में चल रहे 1,750 बार, रेस्त्राओं और ऐसे ही अन्य प्रतिष्ठानों से वसूले जाने हैं।
इस बीच, भाजपा ने सिंह द्वारा देशमुख पर लगाए गए आरोपों की स्वतंत्र जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि इस प्रकार की 'आपराधिक मानसिकता' वाली सरकार को एक मिनट के लिये भी सत्ता में बने रहने का हक नहीं है।
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने देशमुख से तत्काल इस्तीफा देने और केन्द्रीय एजेंसी या अदालत की निगरानी में मामले की जांच कराने की मांग की। (भाषा)