गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को गांधीनगर स्थित बोचासनवासी श्री अक्षरपुरुषोत्तम स्वामीनाराण संस्था (बीएपीएस) के अक्षरधाम मंदिर के रजत जयंती समारोह में शामिल हुए, जिसके राज्य में पाटीदार समुदाय में काफी अनुयायी हैं।
मोदी ने राजनीति के बारे में बहुत अधिक बात नहीं की लेकिन पटेलों द्वारा आरक्षण के लिए किए गए आंदोलन का उल्लेख किया। उन्होंने इस दौरान परोक्ष रूप से पाटीदार समुदाय के साथ स्वयं को जोड़ने का प्रयास करते हुए स्वामीनारायण सम्प्रदाय के संतो के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया।
उन्होंने कहा, ‘स्वामीनारायण सम्प्रदाय में पटेल समुदाय के सदस्यों की काफी संख्या है। पटेल समुदाय पारंपरिक रूप से भाजपा के साथ रहे हैं लेकिन आरक्षण के लिए हाल के आंदोलन के चलते समुदाय का एक वर्ग पार्टी के खिलाफ हो गया है।’
उन्होंने अपने संबोधन में बीएपीएस में भारतीय परंपरा को बरकरार रखते हुए ‘आधुनिक प्रबंधन’ लाने के लिए दिवंगत प्रमुख स्वामी महाराज की प्रशंसा की।
मोदी ने कहा, ‘जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तब मैंने सम्प्रदाय के संतों को हमारे नौकरशाहों को इस पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया कि परियोजनाओं को समय से कैसे पूरा किया जाए। सरकारें परियोजनाओं में विलंब करने के लिए जानी जाती थीं और नर्मदा बांध इसका स्पष्ट उदाहरण है।’
मोदी ने प्रमुख स्वामी के बारे में याद करते हुए कहा, ‘जब मैंने एक बार उनसे मुलाकात की तो उन्होंने मुझसे मेरे द्वारा दिए गए सार्वजनिक भाषणों की आडियो रिकार्डिंग मांगी। मैंने उन्हें वह भेज दी। कुछ दिन बाद उन्होंने मुझे फिर बुलाया। जब मैं उनसे मिला तो उन्होंने उससे पहले मेरे भाषणों को विस्तृत रूप से सुनकर एक नोट तैयार किया था। उन्होंने तब मुझे निर्देशित किया और बताया कि मुझे क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं। यह दिखाता है कि वह मेरी प्रगति में रूचि लेते थे।’
सिलसिलेवार ट्वीट में मोदी ने कहा कि स्वामी जी ‘एक ऐसे व्यक्ति थे जिनसे वह नजदीकी तौर पर संवाद करते थे और जिनका मार्गदर्शन और आशीर्वाद को मैंने हमेशा महत्व दिया।’ उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर मंदिर की तस्वीर भी डाली।
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि अक्षरधाम मंदिर अपनी भव्यता और अद्भुत प्रबंधन के साथ अद्यतन तकनीक के इस्तेमाल के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि स्वामीनारायण परिवार ने मानवता की सेवा के जरिए अपनी अलग पहचान बनाई है। (भाषा)