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नरेन्द्र मोदी ने तो हद ही कर दी...

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, गुरुवार, 2 नवंबर 2017 (14:15 IST)
इन दिनों सोशल मीडिया में एक मीडिया काफी तैर रहा है। ये वीडियो है तो भाजपा का, लेकिन इसके गहरे निहितार्थ हैं।  यह वीडियो गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले आया है, लेकिन इसका लक्ष्य 2019 का लोकसभा चुनाव दिखाई देता है।  एक नकारात्मक बात 'मोदी ने तो हद ही कर दी' से शुरू हुआ यह वीडियो अन्तत: वही सब कुछ कहता है, जो मोदी  आमतौर पर सार्वजनिक सभाओं में कहते दिखाई पड़ते हैं। 
 
पहली नजर में तो यही दिखाई देता है कि भाजपा के थिंक टैंक ने इस वीडियो को 2019 के चुनाव को ध्यान में रखकर  ही तैयार किया गया है। इस वीडियो में सिर्फ विकास की बात की गई है। गुजरात के बारे में बिलकुल भी बात नहीं की  गई है। सिर्फ वीडियो के आखिर में एक वाक्य जरूर है, जो मोदी ने पिछले दिनों गुजरात में अपनी एक सभा में भी  कहा था- 'मैं विकास हूं, मैं गुजरात हूं'। इसमें कोई संदेह नहीं कि इसके माध्यम से एक तीर से कई निशाने साधे गए  हैं।
 
कार्यकर्ताओं को निराशा से उबारने की कोशिश : इस वीडियो के माध्यम से भगवा पार्टी ने गुजरात चुनाव से पहले  कार्यकर्ताओं में छाई निराशा को दूर करने की पुरजोर कोशिश की गई है। जिस तरह कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल केन्द्र  सरकार के फैसलों पर अंगुली उठा रहे हैं, उनका जवाब इस वीडियो के माध्यम से दिया गया है। चाहे फिर जीएसटी का  मुद्दा हो या फिर नोटबंदी का। 
 
भ्रष्टाचार पर हमला : वीडियो के माध्यम से बताया गया कि मोदी को क्या जरूरत थी गरीबों के बैंक खाते खोलने की।  ज्यादा अच्छा होता कि वे लोगों के खाते खोलने के बजाय खुद के खाते भरते। बड़े बड़े घोटाले करते। दरअसल,  प्रधानमंत्री का काम तो फाइलें साइन करने और चुपचाप बैठने का ही तो होता है। मोदी तो एक दिन भी छुट्‍टी नहीं  मनाते। दिवाली भी सैनिकों के बीच ही मनाते हैं। 
 
इसमें यह भी कहा गया है कि मोदी तानाशाह की तरह फैसला लेते हैं। जीएसटी और नोटबंदी जैसे फैसले वे तत्काल ले  लेते हैं। इसके माध्यम से सीधे कांग्रेस की मुखिया सोनिया गांधी पर निशाना साधा गया है कि मोदी को फैसले की  बंदूक चलाने के लिए किसी दूसरे कंधे की जरूरत नहीं होती। 
 
वोटों के लिए ऐसे आत्मघाती फैसले की क्या जरूरत थी? वोट तो जात-पांत से ही मिलते हैं न? क्या जरूरत है स्वच्छ  भारत की, बस गंदगी करो और अपनी जेबें भरो।
 
परिवारवाद पर निशाना : वीडियो में कहा गया है कि लालू यादव और मुलायमसिंह यादव को अपने परिजनों को सेट  करना है, सोनिया गांधी को भी राहुल को सेट करने की चिंता है। मोदी को तो अपनी फैमिली की वेल्यू ही नहीं पता।  मोदी के भाइयों के बच्चों ने तो यह भी नहीं देखा कि भीतर से विमान कैसा होता है। इसमें यह भी कहा गया है कि  यदि मोदी फेल हुआ तो अगले 100 साल में कोई भी प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ेगा। 
 
इसमें कोई संदेह नहीं कि यह वीडियो बनाने का उद्देश्य दूरगामी है। इससे यह भी पता चला है कि गुजरात के चुनाव में  भी राष्ट्रीय मुद्दे ही चलेंगे, स्थानीय मुद्दों पर बहुत ज्यादा जोर नहीं होगा। क्योंकि भाजपा को यह भी डर है कि स्थानीय  मुद्दों पर ज्यादा जोर दिया तो पाटीदार और दलितों के मुद्दे सामने आ सकते हैं, जो कि बिलकुल भी पार्टी के हित में  नहीं हैं। वीडियो में पंच अच्छे हैं, लेकिन लंबा होने के कारण बाद में बोझिल लगने लगता है।
 

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