Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

राजस्थान से मानसून रूठा, जलापूर्ति के लिए चलानी पड़ सकती है 'वॉटर ट्रेन'

हमें फॉलो करें राजस्थान से मानसून रूठा, जलापूर्ति के लिए चलानी पड़ सकती है 'वॉटर ट्रेन'
, शुक्रवार, 3 सितम्बर 2021 (15:19 IST)
जयपुर। राजस्थान के करीब एक दर्जन जिलों में इस बार मानसून की बारिश सामान्य से कम रही है और प्रशासन पाली जिले में पेयजल के आसन्न संकट से निपटने के लिए 'वॉटर ट्रेन' चलाने पर विचार कर रहा है। पाली जिले के जल जीवनरेखा जवाई बांध में लगभग 10 फुट पानी बचा है जिससे प्रशासन पानी की मांग को पूरा करने के लिए 'वॉटर ट्रेन' चलाने के विकल्प पर विचार कर रहा है।

 
जवाई बांध इलाके के सुमेरपुर, रालकानी, फालना, बाली जैतारण, सोजत, तख्तगढ़, मारवाड़ जंक्शन सहित पाली शहर को पानी की आपूर्ति करता है। इनके अलावा अनके छोटे-छोटे गांव पेयजल के साथ साथ सिंचाई के लिए जवाई बांध पर निर्भर हैं। जल संसाधन एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग 15 सितंबर तक इंतजार करेगा जिसके बाद पेयजल आपूर्ति के वास्ते बजट स्वीकृति के लिए रिपोर्ट भेजी जाएगी। विभाग के अधीक्षण अभियंता जगदीश प्रसाद शर्मा ने बताया कि बांध के डेड स्टोरेज से 20 सितंबर के बाद प्रतिदिन 50-60 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) पानी की आपूर्ति की जाएगी।

 
इसे देखते हुए 21 सितंबर से वॉटर ट्रेन चलाने का निर्णय किया गया है। यह ट्रेन जोधपुर से पाली तक प्रतिदिन 4 फेरे में करीब 10 एमएलडी पानी की आपूर्ति करेगी। 2019 में पाली में ट्रेन के माध्यम से पानी की आपूर्ति करनी पड़ी थी जब क्षेत्र में मानसून की गतिविधि औसत से कम रही। इस मानसून के दौरान राज्य की औसत वर्षा अभी भी 2 सितंबर, 2020 की तुलना में 8.8 प्रतिशत कम है। मौसम विभाग के अनुसार लगभग एक दर्जन जिलों में अब भी बारिश सामान्य से कम हुई है। इनमें बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, जालोर, झुंझुनू, जोधपुर, पाली, राजसमंद और उदयपुर शामिल हैं।
 
प्रभावित जिलों के जिला कलेक्टरों को भी सूखे या सूखे जैसी स्थिति के लिए आकस्मिक योजना बनाने को कहा गया है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि मानसून आखिरी दौर में है इसलिए इन जिलों में बारिश की कमी पूरी होने की संभावना कम ही है। वर्ष 2020 में 2 सितंबर तक औसत वर्षा 449.50 मिमी थी लेकिन इस वर्ष अब तक यह 409.83 मिमी रही है। श्रीगंगानगर जिले में इस सीजन में अब तक 74 मिमी बारिश हुई है, जो बहुत कम है जबकि बारां में 1074.90 मिमी बारिश हुई है, जो राज्य में सबसे अधिक है।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कश्मीर में दूसरे दिन भी संचार माध्यमों पर ‘लॉकडाउन’