अहमदाबाद। मूसलाधार बारिश ने उत्तरी गुजरात के कई हिस्सों को बुरी तरह प्रभावित किया है, जलाशय और नदियों में क्षमता से अधिक पानी की वजह से बनासकांठा और पाटन जिले में बाढ़ आ गई है जिसकी वजह से सरकार को हाईअलर्ट घोषित करना पड़ा। राहत और बचाव कार्य के लिए सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ की टीमों को बुलाया गया है। करीब 2200 लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है, जबकि 460 अन्य लोगों को बचाया गया।
बनासकांठा जिले में सबसे ज्यादा बारिश दंतीवाड़ा में 342 मिमी हुई जिसके बाद पालनपुर में 255 मिमी, अगरीगढ़ में 246 मिमी और धनेरा में 216 मिमी बारिश दर्ज की गई। मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी राजस्थान में हो रही भारी बारिश की वजह से दोनों जिलों में नदियों और बांधों में पानी का बहाव बढ़ गया है जिससे स्थिति और खराब हो गई है। राजस्थान के जालौर, पाली और सिरोही जिलों में बारिश हुई जिससे बाढ़ आई और कई लोग फंस गए। रूपानी ने कहा कि राहत टीमें यह सुनिश्चित कर रही हैं कि निचले इलाके में रह रहे सभी लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा सके।
उन्होंने कहा, उत्तरी गुजरात और राजस्थान में भारी बारिश की वजह से बनासकांठा और पाटन जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। दंतीवाड़ा और सीपू बांध सीमा से ऊपर बह रहे हैं और पानी छोड़े जाने की वजह से निचले इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित किया गया है।
उत्तर गुजरात में मूसलाधार बारिश से बनासकांठा और पाटन जिलों में बाढ़ आ गई है। इसकी वजह से अधिकारियों ने राज्य स्तर पर हाईअलर्ट घोषित कर दिया है और सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ टीमों को सहायता के लिए बुलाया है। अधिकारियों ने बताया कि तकरीबन 2200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है और 460 फंसे हुए लोगों को बचाया गया है।
मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने आला अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पडोसी राजस्थान में भारी वर्षा की वजह से समस्या जटिल हो गई है। इसकी वजह से गुजरात में नदियों और बांधों में जलस्तर बढ़ गया है।
वीडियो फुटेज में बाढ़ के पानी में ट्रक जैसे बडे़ वाहन को भी फंसा हुआ दिखाया गया। बाढ़ का पानी दोनों जिलों के कई घरों में घुस गया। उत्तर गुजरात और राजस्थान में भारी वर्षा की वजह से बनासकांठा और पाटन जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने बताया कि दंतीवाडा और सीपू बांधों में बाढ़ का पानी ओवरफ्लो हो रहा है। बांधों से पानी छोडे़ जाने की वजह से निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। अब तक बनासकांठा में 1526, पाटन में तकरीबन 500, गांधीनगर में कलोल से 200 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है।
रूपानी ने कहा कि प्रशासन बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिये खाद्य सामग्री का पैकेट वितरित करने की व्यवस्था कर रहा है। रूपानी ने कहा कि अब तक प्रभावित क्षेत्रों से 462 लोगों को बचाया गया है और राज्य को भारी वर्षा की वजह से हाईअलर्ट पर रखा गया है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की सहायता के लिए सेना की एक टुकडी को फंसे हुए लोगों को निकालने और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिये रवाना किया गया है। बनासकांठा के दीसा शहर में वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टरों को तैयार रखा गया है ताकि स्थिति बिगड़ने पर वे मदद प्रदान कर सकें। राजस्थान के आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि जालौर, पाली और सिरोही जिलों में स्थिति गंभीर है।
उन्होंने बताया कि जालौर में पांच लोग खतरनाक ढंग से एक पेड़ पर बैठ गए और तेज धारा की वजह से नीचे उतरने में सक्षम नहीं थे। खराब मौसम ने उन्हें बचाने के लिए हेलिकॉप्टरों की तैनाती मुश्किल कर दी है। उन्होंने कहा कि बचाव दल मौसम के साफ होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए नए सिरे से प्रयास किए जा सकें।
कटारिया ने कहा कि माउंट आबू, संचोर और आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं। बाढ़ से प्रभावित लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं। इस बीच, ओडिशा सरकार ने ओडीआरएएफ कर्मियों को रवाना किया है और बाढ़ की आशंका के मदृदेनजर दो उत्तरी जिलों में सूखी खाद्य वस्तुएं भेजी गई हैं।
विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) बी पी सेठी ने बताया कि वन ओडिशा डिजास्टर रैपिड ऐक्शन फोर्स (ओडीआरएएफ) का एक—एक दल क्योंझर और भद्रक जिलों के लिए रवाना किया गया है। बैतरणी, सुवर्णरेखा और बूढाबलांग नदियों का जल स्तर अचानक बढने की वजह से इन जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच, मौसम विज्ञानियों ने अगले 24 घंटे में गुजरात और राजस्थान में भारी से बेहद भारी वर्षा होने का अनुमान जताया है। (भाषा)