चुनाव पूर्व उत्तराखंड भाजपा के कई नेता दलबदल की राह पर?

एन. पांडेय
सोमवार, 25 अक्टूबर 2021 (11:32 IST)
देहरादून। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के रिश्तों में पिघलती बर्फ प्रदेश भाजपा के लिए सिरदर्द का कारण बन सकती है। हरीश रावत और हरक सिंह रावत के बीच हुई बातचीत पर कांग्रेस का कहना है कि अब हरक सिंह रावत, हरीश रावत के सामने नतमस्तक होने को तैयार हैं। हरक सिंह रावत ने हरीश रावत से माफी मांगी तो आज हरीश रावत ने भी अपने अंदाज में हरक सिंह रावत से फोन पर बात की और बातों ही बातों में उनको अपना भाई भी बताया। फोन पर हुई वार्ता के कई निहितार्थ लगने शुरू हो गए हैं।
 
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि हरीश रावत को राजनीति का पुरोधा ऐसे ही नहीं कहा जाता है। हरीश रावत प्रदेश के हित को देखते हुए अपनी सारी रंजिश और सारे मतभेद भुलाने को तैयार हो जाते हैं। गरिमा दसौनी के अनुसार आपदा प्रभावितों की मदद के लिए हरीश रावत ने सारे मतभेदों को भुलाते हुए हरक सिंह रावत से बात की है, जो रावत की एक सकारात्मक सोच है।


 
उत्तराखंड राज्य में आगामी साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरण में कई बदलाव देखे जा रहे हैं, क्योंकि उत्तराखंड के कई वरिष्ठ नेताओं के सुर इन दिनों बदले से नजर आ रहे हैं जिसके चलते राजनीतिक गलियारों में हलचल शुरू हो गई है।
 
दरअसल, इन दिनों प्रदेश के 3  वरिष्ठ नेता चर्चा में हैं जिसमें कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और विधायक उमेश शर्मा काऊ शामिल हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के भाजपा का दामन छोड़ घर वापसी करने के बाद से ही इन तीनों नेताओं के सुर बदले से नजर आ रहे हैं।
 
 
दरअसल, चुनाव से पहले नेताओं के दल-बदल की प्रक्रिया देखी जाती रही है। उत्तराखंड राज्य में भी पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के घर वापसी के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार काफी गर्म है तो वहीं बीते दिन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के माफी मांगने के बाद से ही चर्चाएं होने लगी हैं कि अपना सुर बदलकर हरक सिंह रावत क्या कांग्रेस में जाने का रास्ता साफ कर रहे हैं या फिर भाजपा आलाकमान की ओर से खींचे गए कमान का कमाल है। सतपाल महाराज के भी सुर काफी लंबे समय से कांग्रेस के लिए काफी शांत नजर आ रहे हैं।
 
यही नहीं, विधायक उमेश शर्मा काऊ की बयानबाजी से तो हर कोई वाकिफ है और वे अपनी बयानबाजी से हमेशा से ही चर्चाओं में रहे हैं। 
ऐसे में इन तीनों नेताओं के कांग्रेस के प्रति बदले सुर की वजह से चर्चाओं का बाजार काफी गर्म हो गया है, क्योंकि चुनाव से महज कुछ महीने पहले ही नेताओं का सुर बदलना कई सारे इशारे कर रहा है। यशपाल आर्य के जाने के बाद से ही चर्चाएं चल रहे थीं कि तमाम कांग्रेस गोत्र के नेता घर वापसी कर सकते हैं, तो ऐसे में नेताओं के सुर बदलने पर इन चर्चाओं को और ज्यादा बल मिल रहा है। लेकिन अगर चुनाव से पहले ऐसा होता है तो भाजपा संगठन के लिए यह एक और बड़ा झटका देने वाला होगा।
 
हालांकि अभी फिलहाल कांग्रेस और भाजपा के नेता इस बात से इंकार करते नजर आ रहे हैं। 
राजनीति के जानकारों के अनुसार भाजपा में जो भी कांग्रेसी गोत्र के नेता हैं, उनका मन कभी भी भाजपा संगठन में लग ही नहीं पाया। हालांकि वे भौतिक रूप से भाजपा में जरूर हैं लेकिन मन से वे हमेशा कांग्रेस के ही रहे हैं। यही वजह है कि ये तमाम नेता वर्तमान समय में दल-बदल के द्वार पर खड़े हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PoK तुरंत छोड़ दे Pakistan, बलूच नेताओं की धमकी, अब क्या करेगा आतंकिस्तान

पहले भी महिलाओं पर दिए बयानों से विवाद में रहे है मंत्री विजय शाह, पुलिस ने भी की थी पिटाई

देश की पहली महिला राफेल पायलट हैं शिवांगी सिंह, जिन्हें पकड़ने का पाकिस्तान ने किया झूठा दावा, जानिए उनकी कहानी

Bhargavastra : आ गया दुश्मनों के ड्रोन्स का काल, Pakistan और China के हर वार को आसमान में ही कर देगा भस्म, देखें Video

itel A90 : 7000 रुपए से भी कम कीमत में लॉन्च हुआ iPhone जैसा दिखने वाला स्मार्टफोन

सभी देखें

नवीनतम

रामदास अठावले बोले- PoK को वापस लिया जाना चाहिए, ऐसा नहीं हुआ तो और युद्ध होंगे...

भारत और PAK के बीच मध्यस्थता वाले बयान से पलटे Donald Trump, बोले- मैंने मदद की

HPBOSE 10th Result : हिमाचल बोर्ड के 10वीं कक्षा के नतीजे घोषित, लड़कियों ने हासिल किए शीर्ष 7 स्थान

भारत की दृढ़ता का एक निर्णायक क्षण, दुश्मन के लिए चेतावनी है ऑपरेशन सिंदूर

पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध पूरी तरह से द्विपक्षीय रहेंगे : जयशंकर

अगला लेख