एक मलयालम मैगजीन गृहलक्ष्मी की कवर पेज की तस्वीर को लेकर विवाद हो रहा है। इस फोटो को लेकर याचिका भी दर्ज की गई है। फोटो के मामले में केरल के कोल्लम में केस दर्ज हुआ था। चार महीने बाद हाईकोर्ट ने इस मामले को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इस फोटो को आपत्तिजनक नहीं माना है।
क्या था मामला : मलयालम मॉडल और अभिनेत्री गिलु जोसेफ की फोटो गृहलक्ष्मी में छपी थी। इसमें जोसेफ एक नवजात दूध पिला रही हैं। तस्वीर के साथ के साथ लिखा था कि केरल की मांएं कह रही हैं, कृपया घूरे नहीं हमें ब्रेस्टफीड कराना हैं। मैगजीन पर फोटो छपने के बाद 27 साल की मॉडल और अभिनेत्री गिलू जोसेफ को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया था। मैगजीन ने महिलाओं में स्वतंत्र रूप से ब्रेस्टफीड कराने को बढ़ावा देने के लिए कैंपेन चलाया था।
याचिका में उठाई इस बात की उठाई आपत्ति : मामले में याचिका दायर करने वाले वकील मैथ्यू विल्सन का कहना था कि यह तस्वीर कामुक प्रकृति वाली है और महिला की गरिमा को नीचा दिखाती है। तस्वीर का विरोध करने वाले कई लोगों की आपत्ति इस बात पर भी थी कि जोसेफ मंगलसूत्र और सिंदूर पहने है जबकि वे एक ईसाई हैं।
क्या थी कोर्ट की टिप्पणी : केरल हाईकोर्ट ने दलील दी कि किसी एक आदमी की अश्लीलता, दूसरों की नजरों में अच्छाई हो सकती है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एंटनी डोमिनिक और जस्टिस दमा शेषाद्रि नायडू की बैंच कर रही थी। कोर्ट ने 8 मार्च को ऑब्जर्व किया कि कामसूत्र, राजा रवि वर्मा की पेंटिंग्स और अजंता की मूर्तियों ने भारतीय कला को हमेशा आकर्षित किया है। बैंच ने कहा कि भारतीय मनोविज्ञान काफी परिपक्व है। हाईकोर्ट के अनुसार मैगजीन की कवर पेज पर कुछ भी ऐसा नहीं था, जो महिलाओं या पुरुषों के लिए आपत्तिजनक हो।