श्रीनगर। कश्मीर में 40 दिनों की भयंकर सर्दी का दौर 'चिल्लईकलां' गुरुवार को भले समाप्त हो गया लेकिन रुक-रुककर होने वाली बर्फबारी एवं निम्न दृश्यता की वजह से श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग के बंद रहने और यहां किसी भी विमान के नहीं उतर पाने से घाटी का संपर्क अब भी देश के बाकी हिस्से से कटा हुआ है।
यातायात विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि काजीगुंड इलाके में जवाहर सुरंग के इर्द-गिर्द बर्फ जमा रहने और रामबन जिले में अनोखी झरने के पास भूस्खलन होने के कारण श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद है। वैसे इस हफ्ते के प्रारंभ में शुरू के 2-3 दिन यातायात की अनुमति थी लेकिन बार-बार भूस्खलन होने और सुरंग के आसपास बर्फबारी होने से पिछले 2 सप्ताह में ज्यादातर समय यह राजमार्ग बंद ही रहा।
स्थानीय बाशिंदों ने दावा किया कि इस राजमार्ग के बंद होने के कारण रसोई गैस जैसी जरूरी चीजें तथा सब्जियों एवं मांस समेत खाद्य पदार्थों की कमी हो गई है। सराई बाला के निवासी फारूक अहमद भट ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों के दाम बहुत बढ़े हैं।
संभागीय प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि राजमार्ग पर फंसे कुछ ट्रक पिछले 2 दिनों में यहां पहुंच गए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आपूर्ति आ गई है, हमारे पास जरूरी चीजों का पर्याप्त भंडार है। घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन बर्फबारी और दृश्यता में कमी आने की वजह से गुरुवार को 9 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के एक अधिकारी ने कहा कि गुरुवार सुबह से कोई भी विमान श्रीनगर हवाई अड्डे पर नहीं पहुंचा। अब तक 9 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। यदि मौसम नहीं सुधरा तो बाकी उड़ानें भी रद्द कर दी जाएंगी।