जम्मू। राज्य की शीतकालीन राजधानी जम्मू में चक्काजाम, बंद के बीच सोमवार को राज्य सरकार के दरबार ने काम करना शुरू कर दिया। छ: महीने बाद जम्मू में दरबार खुलने के पहले दिन कड़े तेवर दिखाते हुए कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस व पैंथर्स पार्टी ने प्रदर्शन कर सरकार पर हर क्षेत्र में नाकाम रहने के आरोप लगाए।
धक्का-मुक्की के बीच पुलिस ने इन पार्टियों के कार्यकर्ताओं को सचिवालय की ओर कूच करने से रोका। ऐसे हालात में सोमवार को सचिवालय पहुंची मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने साढ़े नौ बजे जम्मू कश्मीर पुलिस के गार्ड ऑफ निरीक्षण किया। पहले दिन मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों का निरीक्षण करने के साथ मंत्रियों से भी भेंट की।
मुख्यमंत्री महबूबा ने दरबार खुलने के पहले दिन मीडिया से बातचीत नही की। अलबत्ता लोक निमार्ण मंत्री नईम अख्तर ने डायलाग के लिए केंद्र सरकार के वार्ताकार की नियुक्ति का स्वागत किया।
उन्होंने उम्मीद जताई कि बातचीत की प्रक्रिया के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि इसमें समय लगेगा। विपक्षी राजनीतिक पार्टियों, चेंबर ट्रेडर फेडरेडन व ट्रांसपोर्टरों के आह्वान पर सोमवार को जम्मू में बंद व चक्का जाम रहा। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सचिवालय की ओर कूच करने के प्रयास को पुलिस ने विफल कर दिया।
प्रदेश कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर के नेतृत्व में सुबह साढ़े दस बजे रेजीडेंसी रोड़ पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर गिरफ्तारियां दीं। वरिष्ठ नेताओं शाम लाल शर्मा, रमण भल्ला के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं को पुलिस ने टीआरसी के पास रोक लिया। इस दौरान धक्का मुक्की के बीच कांग्रेस के कई नेताओं, कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद नेशनल कांफ्रेंस व पैंथर्स पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।