अहमदाबाद। गुजरात के जामनगर और राजकोट में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। जामनगर में 24 घंटे में 21 इंच बारिश से हाहाकार मच गया। भारी बारिश की वजह से 3 लोगों की मौत हो गई। इस बीच भारत मौसम विभाग ने कहा है कि बुधवार तक पूरे गुजरात में मूसलाधार बारिश होने की संभावना है।
प्रदेश में सोमवार को सौराष्ट्र क्षेत्र के कुछ हिस्सों में जबरदस्त बारिश हुई, जिससे इसमें तीन लोगों की मौत हो गई। राजकोट और जामनगर में नदियां उफान पर आ गईं और निचले इलाकों में लोगों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ा। इसके चलते विभागों को चेतावनी जारी करनी पड़ी। मंगलवार को भी बचाव एवं राहत कार्यों के लिए NDRF और SDRF का राहत और बचाव कार्य जारी है।
भारी बारिश की वजह से जामनगर में नदी नालें उफान पर आ गए। सड़कें नदियों में बदल गई। गाड़ियां पानी में बहती नजर आई। कई गांवों में लोगों ने छतों पर चढ़कर अपनी जान बचाई।
सीएम ने की बाढ़ की समीक्षा : नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की और सौराष्ट्र क्षेत्र के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति की समीक्षा की और वर्षा प्रभावित जामनगर जिले में फंसे लोगों को वायु मार्ग से सुरक्षित स्थान पहुंचाने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने राजकोट के कलेक्टर एवं राजकोट नगर निगम के आयुक्त को भी निचले इलाके में रहने वाले लोगों को सुरिक्षत स्थानों पर भेजने के लिए कहा है। प्रभावित जिलों से लोगों को सुरक्षित जगह ले जाने के लिये भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है।
कहां कितना बरसा पानी : राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि राजकोट के लोधिका तालुका में सोमवार को सुबह छह बजे से 10 घंटे की अवधि में 435 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि जूनागढ़ की विसावदर तालुका में 364 मिलीमीटर, जामनगर के कलावाड़ में 348 मिलीमीटर, राजकोट तालुका में 305 मिलीमीटर और राजकोट के धोराजी में 202 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
58 गांवों का बाढ़ का कहर : जिलाधिकारी सौरभ पारधी ने बताया कि जामनगर जिले के विभिन्न गांवों से वायुसेना के हेलिकॉप्टरों द्वारा लगभग 20 लोगों को अन्य स्थानों पर भेजा गया और 30 अन्य को भी बचाया गया। वहीं, राजकोट के जिलाधिकारी अरुण महेश बाबू ने बताया कि वायुसेना के हेलिकॉप्टर जिले के 3 अलग-अलग गांवों से 22 लोगों को निकालने की तैयारी कर रहे हैं।
जामनगर और कलावाड़ के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा बाढ़ के कारण अवरुद्ध हो गया जबकि जामनगर, अमरेली और पोरबंदर छह राज्य राजमार्ग और विभिन्न जिलों में 58 गांवों की सड़कें इसी तरह प्रभावित हुईं।