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कश्मीर में 6 ट्रक चालकों की हत्याओं से मृतकों के परिवारों पर वज्रपात

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सुरेश एस डुग्गर

, मंगलवार, 29 अक्टूबर 2019 (17:30 IST)
जम्मू। आतंकियों ने एक पखवाड़े में 6 ट्रक चालकों को मौत के घाट उतार दिया। 2 सेब के प्रवासी व्यापारियों तथा 2 प्रवासी श्रमिकों की भी हत्याएं की जा चुकी हैं। एक पखवाड़े में इन 10 हत्याओं के कारण मारे गए लोगों के परिजनों पर वज्रपात हुआ है। 
 
हालांकि अब इन हत्याओं के लिए सुरक्षाबल संचार माध्यमों की उपलब्धता अर्थात फोन तथा मोबाइल सेवाओं पर हटाई गई रोक को जिम्मेदार ठहराते हुए कहते थे कि आतंकी एक-दूसरे से संपर्क करने में कामयाब हो पा रहे हैं और वे ऐसी घटनाओं को अंजाम देने लगे हैं, जो दहशत फैला रही हैं।
सुरक्षाधिकारी जब ऐसा दोषारोपण करते थे तो वे उन आतंकी हमलों ओर हत्याओं को भूल जाते थे, जो संचार माध्यमों पर रोक लगाए जाने की अवधि में भी हुई थीं। दरअसल, इन हत्याओं ने सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोली है।
 
5 अगस्त को राज्य के 2 टुकड़े करने और उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के बाद कश्मीर में लॉकडाउन की खातिर गैरसरकारी तौर पर 2 लाख के करीब सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। ऐसे में राज्य के बाहर से आए एक ट्रक चालक का सवाल था कि अगर चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात करने के बाद भी आतंकी हमले करने में कामयाब होते हैं तो सुरक्षाबलों की अनुपस्थिति में क्या होगा?
आतंकी सीमा पार से मिले निर्देशों पर अमल करते हुए सेब की फसल को कश्मीर से बाहर नहीं जाने देना चाहते हैं। वे जानते हैं कि ऐसा करने में कामयाब होने पर कश्मीर की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से हिल जाएगी, जो पहले ही 85 दिनों के लॉकडाउन और संचारबंदी के कारण 10 हजार करोड़ के नुकसान को सहन करने को मजबूर हुई है। अर्थव्यवस्था को नेस्तनाबूद कर वे कश्मीरियों को भारत के खिलाफ भड़काना चाहते हैं।
 
जब कश्मीरियों पर उनकी धमकियां तथा चेतावनियां बेअसर हुईं तो उन्होंने उन प्रवासी नागरिकों तथा ट्रक चालकों को निशाना बनाना आरंभ कर दिया, जो अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में भागीदार बनने लगे थे। नतीजा सामने था। एक पखवाड़े में 6 ट्रक चालकों की हत्याएं कर दी गईं। सेब के व्यापारी भी नहीं बच पाए और न ही प्रवासी श्रमिक।
बावजूद इस ताबड़तोड़ हत्याओं के सुरक्षाबल सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी करने का दावा करते रहे। हालत तो यहां तक गंभीर हो गई कि सोमवार रात को एक ट्रक चालक की हत्या के बाद प्रशासन ने मुगल रोड के रास्ते अनंतनाग के शोपियां में ट्रकों के दाखिल होने पर पाबंदी लगा दी। जम्मू से रवाना होने वाले वाहनों को भी रोक दिया। हालांकि मंगलवार को एक आतंकी को मार गिराकर ट्रक चालक की हत्या का बदला लेने का दावा तो जरूर किया गया, पर यह इन ट्रक चालकों में उत्साह नहीं भर पाया।
 
मारे गए ट्रक चालकों के परिवार वाले सकते में : ट्रक चालकों पर लगातार होने वाले आतंकी हमलों को रोक पाने में नाकाम रहने वाले सुरक्षाबलों ने मंगलवार को आनन-फानन में एक आतंकी को ढेर कर यह दावा कर दिया है कि वह सोमवार को रात हुई ट्रक चालक की हत्या में लिप्त था। उन्होंने यह भी दावा किया है कि मारे गए आतंकी के 2 अन्य साथियों की तलाश जारी है। इस बीच सोमवार को रात मारे गए कटड़ा के रहने वाले ट्रक चालक के परिवार वाले सकते में हैं और वे अभी भी इस हत्या पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं।
 
अनंतनाग जिले में ट्रक ड्राइवर की हत्या करने वाले एक आतंकी को सेना और पुलिस के संयुक्त अभियान में मार गिराया गया है। मारे गए आतंकी की पहचान नहीं हो सकी है। सेना ने उसके पास से एके-47 राइफल समेत अन्य सामान बरामद किए हैं। सोमवार रात अनंतनाग में आतंकियों ने ट्रक ड्राइवर नारायण दत्त की गोली मारकर हत्या कर दी थी। याद रहे, घाटी में आतंकी अब तक 6 ट्रक ड्राइवरों की हत्या कर चुके हैं।
 
कटड़ा में नारायण दत्त के परिवार वाले गमगीन हैं। घर पर लोगों की भीड़ लगी है। दत्त की बेटी ने कहा कि सोमवार को हमें फोन पर पता चला कि वे नहीं रहे। हम 4 भाई-बहन हैं और अब हमारी देखरेख करने वाला कोई भी नहीं है।
 
ट्रक ड्राइवर की हत्या के बाद सेना, पुलिस और सीआरपीएफ ने अनंतनाग के तमाम इलाकों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। तलाशी अभियान के बीच मंगलवार को बिजबिहाड़ा के पास घिरे आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी कर भागने का प्रयास किया। इसके बाद सुरक्षाबलों के काउंटर ऑपरेशन में एक आतंकी को मार गिराया गया, वहीं दल में शामिल कुछ अन्य आतंकी मौके से भाग निकले।
 
सूत्रों के अनुसार मारे गए आतंकी का शव बरामद कर सेना उसकी पहचान करने में जुटी हुई है। इसके अलावा कई अन्य आतंकियों के फरार होने की आशंका में जवान लगातार इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।

हालांकि पुलिस कहती है कि ट्रक चालकों की सुरक्षा के लिए नई रणनीति तैयार की गई है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रहने के लिए कहा गया है। लेकिन मिलने वाली सूचनाएं कहती हैं कि आतंकी आने वाले दिनों में ऐसे और हमलों को अंजाम देकर प्रवासी नागरिकों को कश्मीर आने से पूरी तरह से रोक सकते हैं। (सांकेतिक चित्र)

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