नई दिल्ली। योरपीय सांसदों का एक दल आज कश्मीर का दौरा करेगा। अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद पहली बार कोई विदेशी प्रतिनिधिमंडल कश्मीर दौरे पर जाएगा। इस प्रतिनिधि मंडल में 27 सांसद शामिल हैं। अनुच्छेद 370 हटाने के बाद मोदी सरकार की यह बड़ी कूटनीतिक पहल है। योरपीय सांसदों के कश्मीर दौरे पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय सांसदों को रोकने और विदेशी नेताओं को वहां जाने की अनुमति देने में कुछ तो बहुत गड़बड़ है।
राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय सांसदों की कश्मीर यात्रा पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया और श्रीनगर से वापस भेज दिया गया। वहीं यूरोपीय सांसदों के लिए सरकार लाल कालीन बिछा रही है।
कांग्रेस आनंद शर्मा ने एक बयान में कहा कि योरपीय सांसद कश्मीर जा रहे हैं। उन्हें पूरी जानकारी से अवगत कराया जा रहा है। ये भारतीय संसद की संप्रभुता के खिलाफ है और भारतीय सांसदों के विशेष अधिकारों का हनन है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि जम्मू-कश्मीर हमारा, फिर योरपीय यूनियन वाले कैसे पधारे? हमारा मामला, हम देखेंगे! पर मोदीजी ने योरपीय यूनियन को कश्मीर में पंच क्यों बनाया? दूसरे देशों के सांसदों को कश्मीर जाने की अनुमति है, हमारे सांसदों को क्यों नहीं? यह मोदी सरकार का फर्जी राष्ट्रवाद और संसद का अपमान है।
विदेशी सांसदों के दल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से योरपीय सांसदों को बताया कि आतंकवाद का समर्थन और उसे प्रायोजित करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दौरे से शिष्टमंडल को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी और इसके साथ ही वे इस क्षेत्र के विकास और शासन से संबंधित प्राथमिकताओं की सही स्थिति से अवगत होंगे।
खबरों के अनुसार प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अधिकारियों और स्थानीय लोगों से मुलाकात करेगा। दो दिवसीय यात्रा के दौरान वे राज्यपाल से भी मुलाकात कर सकते हैं।