मुंबई। मुंबई के दादर इलाके में स्थित एक संभ्रांत आवासीय टॉवर की 12वीं मंजिल पर बुधवार को आग लगने की घटना में 4 लोगों की मौत हो गई जबकि 21 अन्य घायल हो गए। दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 17 मंजिला क्रिस्टल टॉवर से करीब 3 दर्जन लोगों को सुरक्षित बचाया गया।
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अनुसार इस इमारत के पास अनिवार्य कब्जा प्रमाण-पत्र (ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट) नहीं था लेकिन करीब 58 फ्लैट मालिकों का इसमें कब्जा था। बीएमसी ने एक बयान में कहा कि इमारत के बिल्डर और इसके 58 निवासियों को 2016 में नोटिस जारी किया गया था और 7 दिनों के अंदर इमारत खाली करने को कहा गया था लेकिन इसे अदालत में चुनौती दी गई थी।
आग लगने के बाद अग्निशमन विभाग ने बुधवार को एक बार फिर इमारत को असुरक्षित घोषित कर दिया और बिजली तथा पानी की आपूर्ति काटने की सिफारिश की। विभाग ने असुरक्षित इमारत में लोगों को रहने की अनुमति देने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की भी पुलिस से सिफारिश की है।
विभाग के अनुसार आग लगने की सूचना सुबह 8 बजकर 32 मिनट पर मिली और करीब 3 घंटों के बाद इस पर काबू पा लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित मंजिल पर मरम्मत कार्य चल रहा था लेकिन आग लगने के वास्तविक कारण का पता उचित जांच के बाद ही साफ हो सकेगा।
दमकल विभाग के प्रमुख पीएस रहांगदले ने बताया कि धुएं और गर्मी के कारण ऊपरी मंजिलों पर लोग फंस गए और 30 से 35 लोगों को बचाया गया। बीएमसी ने बयान में कहा कि 1 बुजुर्ग महिला सहित 4 लोगों की मौत हो गई और 21 लोग घायल हो गए। मृतकों की पहचान बबलू शेख (36), शुभदा शेलके (62), अशोक संपत और संजीव नायर के रूप में हुई है।
एक दु:खी निवासी ने कहा कि मैंने जीवनभर की अपनी कमाई से इस इमारत में एक फ्लैट खरीदा था। अब कहा जा रहा है कि यह इमारत असुरक्षित है। यह काफी परेशान करने वाली बात है। इसमें हमारी क्या गलती है? मैं अपने बच्चों और परिवार को लेकर कहां जाऊं? (भाषा)