अमृतसर। पंजाब के अजनाला की एक अदालत के आदेश पर शुक्रवार को अपहरण के मामले में कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के सहयोगी लवप्रीत सिंह को रिहा कर दिया गया। पुलिस थाने में अमृतपाल के समर्थकों द्वारा हंगामे और उनकी रिहाई की मांग के एक दिन बाद अदालत ने यह आदेश दिया।
अमृतसर में तैनात पुलिस महानिरीक्षक मोनीश चावला ने बताया कि अदालत ने रिहाई की अर्जी को स्वीकार कर लिया है और लवप्रीत को रिहा किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि वारिस पंजाब दे नामक संगठन के अध्यक्ष अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थक की रिहाई को लेकर एक चेतावनी जारी की थी।
अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने बैरिकेड तोड़ दिए और यहां पुलिस थाना परिसर में बृहस्पतिवार को हंगामा किया। इस दौरान कुछ समर्थकों के हाथों में तलवारें और बंदूकें थीं। समर्थक मांग कर रहे थे कि लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान को रिहा किया जाए। संघर्ष के दौरान तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए।
इस बीच अमृतपाल सिंह ने कहा कि खालिस्तान के हमारे उद्देश्य को बुराई और वर्जित के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इसे बौद्धिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए कि इसके भू-राजनीतिक लाभ क्या हो सकते हैं। यह एक विचारधारा है और विचारधारा कभी मरती नहीं है। हम दिल्ली से इसे नहीं मांग रहे हैं।
इसके पहले दिन में पुलिस अधीक्षक अमृतसर (ग्रामीण) सतींद्र सिंह ने कथित अपहरण का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने (अमृतपाल पक्ष) साक्ष्य दिए हैं जिसके अनुसार वह (लवप्रीत सिंह) घटना स्थल पर मौजूद नहीं थे।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि उन्होंने सबूत दिए। इसके आधार पर अदालत के जरिये उन्हें रिहा किया जा रहा है। अभी तक हालात शांतिपूर्ण और नियंत्रण में हैं।
रूपनगर जिले में चमकौर साहिब निवासी बरिंदर सिंह के कथित अपहरण और पिटाई के मामले में अमृतपाल सिंह और उनके 30 समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। बरिंदर सिंह ने अपनी शिकायत में पुलिस से कहा था कि अमृतपाल सिंह के सहयोगियों ने उसका अजनाला से अपहरण कर लिया था और उसे अज्ञात स्थान पर ले गये जहां उसकी बेरहमी से पिटाई की गई।