नई दिल्ली। कर्नाटक में जारी सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस को उस समय जोरदार झटका लगा, जब उसके चार एमएलए विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचे। बैठक में शामिल नहीं होने वाले विधायकों में रमेश जारकीहोली, बी. नागेंद्र, उमेश जाधव और महेश कुमताहल्ली शामिल हैं।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से कर्नाटक की जदएस-कांग्रेस सरकार पर संकट मंडरा रहा है। बताया जा रहा है कि भाजपा द्वारा राज्य में गठबंधन सरकार को गिराने की कथित कोशिशों को नाकाम करने के लिए पार्टी ने शक्ति प्रदर्शन के तौर पर विधायकों की बैठक बुलाई थी। लेकिन, चार विधायकों की गैरहाजिरी से उसका यह दांव उलटा पड़ गया।
बैठक से पहले, कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने विधायकों को चेतावनी दी थी कि अगर वे बैठक से गायब रहे तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विधायक रमेश जारकीहोली इस बात से नाराज बताए जा रहे हैं कि उन्हें हाल ही में मंत्री पद से हटा दिया गया था।
हालांकि माना जा रहा है कि भाजपा की लाख कोशिशों के बाद भी कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। दूसरी ओर इस पूरे घटनाक्रम को कांग्रेस की गुटीय राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
विधायकों से स्पष्टीकरण मांगेगी कांग्रेस : सिद्धारमैया ने कहा है कि कांग्रेस बैठक में शामिल नहीं होने वाले चार विधायकों को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगेगी। उन्होंने कहा कि अनुपस्थित रहे विधायकों के जवाब मिलने के बाद इस मुद्दे पर पार्टी आलाकमान और राज्य नेताओं के साथ विचार विमर्श किया जाएगा और उसके बाद अगला कदम तय किया जाएगा।
सिद्धारमैया ने कहा कि जाधव ने लिखकर कहा था कि वह अस्वस्थ होने के कारण बैठक में भाग नहीं ले सकेंगे वहीं नागेंद्र ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से कहा था कि अदालत में एक मामले के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि दो अन्य विधायकों से कोई सूचना नहीं मिली है। खबर ऐसी भी है कि बैठक से छह विधायक गायब थे।