रायपुर। छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल कांग्रेस के नेताओं ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय पर राज्य में 'ऑपरेशन लोटस' को अंजाम देने के लिए काम करने का आरोप लगाया। इन नेताओं के परिसरों में हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की थी। इन नेताओं ने उनके परिसरों से जो भी जब्त किया गया है, एजेंसी से उसका खुलासा करने की मांग की।
पार्टी के राज्य मुख्यालय राजीव भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेताओं ने भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र पर भी निशाना साधा और कहा कि राजनीतिक विरोधियों को डराने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दुरुपयोग कर डर का माहौल पैदा किया जा रहा है।
संवाददाता सम्मेलन में छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, रायपुर के महापौर एजाज ढेबर और छत्तीसगढ़ राज्य भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल मौजूद थे। ईडी ने हाल के दिनों में इन नेताओं के परिसरों में छापेमारी की थी। देवांगन ने आरोप लगाया कि जिस तरह से ईडी छत्तीसगढ़ में कार्रवाई कर रही है, उससे लगता है कि एजेंसी छत्तीसगढ़ में 'ऑपरेशन लोटस' को अंजाम देने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि हमने सुना है कि छापे कुछ कोयले के मुद्दे से जुड़े हैं। न मैं कोयले के धंधे से जुड़ा हूं, न मेरे परिवार के लोग। मैं खनिज विकास निगम का अध्यक्ष हूं लेकिन कोयला इसके दायरे में नहीं है। मुझे नहीं पता कि मेरे परिसरों पर छापे क्यों मारे गए?
देवांगन ने कहा कि मुझे रायपुर में फरवरी में आयोजित कांग्रेस के अधिवेशन के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई थीं। यह छापा राजनीति से प्रेरित था। इसका उद्देश्य आयोजन में खलल डालना था। भाजपा और मोदी सरकार ने ईडी का इस्तेमाल कर अधिवेशन में खलल डालने की कोशिश की। देवांगन और ढेबर ने दावा किया कि केंद्रीय एजेंसी सिर्फ परेशान करने के लिए उनके तथा अन्य लोगों के खिलाफ छापेमारी कर रही है। उन्होंने मांग की कि ईडी बताए कि उसने कौन सी बेनामी संपत्ति या नकदी के दस्तावेज बरामद किए हैं?
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और मोदी सरकार डर का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है लेकिन हमारे नेता राहुल गांधी ने कहा है कि 'डरो मत। हम डरने वाले नहीं हैं।' एक स्थानीय व्यवसायी अचल भाटिया जिनके परिसर में भी ईडी ने छापा मारा था, वहां मौजूद थे। उन्होंने भी एजेंसी पर परेशान करने का आरोप लगाया। ईडी छत्तीसगढ़ में एक कथित अवैध कोयला लेवी मामले की जांच कर रही है। एजेंसी ने पिछले 6 महीनों में राज्य सरकार के कई अधिकारियों, व्यापारियों और कांग्रेस नेताओं से जुड़े परिसरों पर छापा मारा है।
एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक जांच एक बड़े घोटाले से संबंधित है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़े कार्टेल द्वारा छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपए प्रति टन की अवैध उगाही की जा रही थी। ईडी ने इस मामले में छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta