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चंपई सोरेन आज लेंगे झारखंड मुख्यमंत्री पद की शपथ, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

हमें फॉलो करें चंपई सोरेन आज लेंगे झारखंड मुख्यमंत्री पद की शपथ, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

रांची , गुरुवार, 1 फ़रवरी 2024 (23:41 IST)
Champai Soren Jharkhand Chief Minister  oath : चंपई सोरेन कल झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। मीडिया खबरों के मुताबिक शपथ ग्रहण का समय अभी तय नहीं हुआ है। मीडिया खबरों के मुताबिक उनके साथ आलमगीर और सत्येन्द्र भोक्ता भी शपथ लेंगे। राज्यपाल ने उन्हें कल शपथ के लिए बुलाया है। हेमंत सोरेन की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
हेमंत सोरेन (48) के इस्तीफे के बाद राज्य अभी बगैर मुख्यमंत्री के है और राजनीतिक संकट गहरा गया है।
 
झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने झामुमो नेता चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री मनोनीत कर उन्हें शुक्रवार को शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया। झामुमो विधायक दल के नेता चंपई सोरेन को राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री नियुक्त करने में देरी को लेकर चिंताओं के बीच, गठबंधन ने अपने विधायकों को दो निजी विमानों से दूसरी जगह ले जाने के भी प्रयास किए। भाजपा द्वारा अपने विधायकों की संभावित खरीद-फरोख्त नाकाम करने के लिए झामुमो और सहयोगी दलों ने यह कोशिश की।
 
गठबंधन के कुछ विधायकों के अनुसार, उन्हें दो निजी विमानों से हैदराबाद ले जाने की योजना थी, जिनमें एक में 12 सीट और दूसरे में 37 सीट है। हालांकि, विधायकों को हैदराबाद ले जाने की योजना रद्द करनी पड़ी, क्योंकि इसके लिए किराये पर लिये गए निजी विमान हवाई अड्डे पर कम दृश्यता के कारण उड़ान नहीं भर सके। सूत्रों ने यह जानकारी दी। हैदराबाद, कांग्रेस-शासित तेलंगाना की राजधानी है।

कांग्रेस राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन का हिस्सा है। हवाई अड्डे पर करीब दो घंटे प्रतीक्षा करने के बाद विधायक सर्किट हाउस लौट गए, जहां वे ठहरे हुए हैं। इस बीच, पीएमएलए (धनशोधन निवारण अधिनियम) अदालत ने ईडी द्वारा बुधवार को गिरफ्तार किए गए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वकीलों ने यह जानकारी दी। ईडी ने सोरेन का 10 दिन का रिमांड मांगा था। अदालत ने अपना आदेश शुक्रवार के लिए सुरक्षित रख लिया।
 
सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई : इधर सुप्रमी कोर्ट ने धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गयी गिरफ्तारी के खिलाफ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई के लिए गुरुवार को तीन न्यायाधीशों की एक विशेष पीठ का गठन किया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ जेल में बंद झामुमो नेता की याचिका पर शुक्रवार सुबह 10.30 बजे सुनवाई करेगी।
 
सोरेन ने उच्चतम न्यायालय का रुख कर आरोप लगाया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब से कुछ महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र की एक ‘सुनियोजित साजिश’ के तहत उन्हें गिरफ्तार किया है।
सोरेन ने शीर्ष अदालत में अपनी याचिका में, उनकी गिरफ्तारी को अवांछित, मनमाना और मूल अधिकारों का हनन करने वाला घोषित करने का उससे अनुरोध किया है। याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। इसमें उनकी तत्काल रिहाई का भी अनुरोध किया गया है।
 
सरकार गठन को लेकर राजभवन से कोई आधिकारिक संचार नहीं होने पर, चंपई सोरेन ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हेमंत सोरेन ने बुधवार रात मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया था, जिसे राजभवन ने रात 8.45 बजे स्वीकार कर लिया।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 18 घंटों से राज्य में कोई सरकार अस्तित्व में नहीं है। भ्रम की स्थिति बनी हुई है। आप संवैधानिक प्रमुख हैं। हम सभी विधायक एवं जनता आपसे आशा करते हैं कि आप सरकार गठन का मार्ग प्रशस्त करेंगे...।’’ झामुमो ने एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें 81-सदस्यीय राज्य विधानसभा के 43 विधायक गठबंधन की मजबूती दिखाने के लिए मौजूद नजर आये।
इससे पहले दिन में, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर ने कहा कि गठबंधन का नेतृत्व कर रहे झामुमो विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने आज अपराह्न तीन बजे राज्यपाल से बहुमत साबित करने का समय मांगा था। हालांकि, राज्यपाल ने उन्हें शाम 5.30 बजे मिलने बुलाया।’’
 
 सरकार गठन में देरी पर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘इक्यासी विधायकों के सदन में 41 ही बहुमत का आंकड़ा होता है। अड़तालीस विधायकों का समर्थन होने के बावजूद चंपई सोरेन जी को सरकार बनाने का न्योता ना देना साफ़ तौर पर संविधान की अवमानना एवं जनमत को नकारना है। महमाहिमों द्वारा भारतीय लोकतंत्र के ताबूत में एक-एक करके कीलें ठोकी जा रही है।’’
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि वह जांच एजेंसियों की कार्रवाई से नहीं डरते हैं। उन्होंने ‘राजनीतिक उद्देश्यों’ के लिए उन्हें निशाना बनाने के वास्ते भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र की आलोचना भी की।  एजेंसियां

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