Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Gyanvapi Case : मुस्लिम पक्ष ने दी फैसले को चुनौती, High Court से की यह अपील

हमें फॉलो करें Gyanvapi case of Varanasi

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

प्रयागराज/वाराणसी , गुरुवार, 1 फ़रवरी 2024 (23:28 IST)
Muslim side's statement regarding Gyanvapi case : वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित व्यास जी तहखाने में जिला अदालत द्वारा हिंदू भक्तों को पूजा-अर्चना की अनुमति दिए जाने के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
 
वहीं मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी की जिला अदालत में भी अर्जी देकर हिंदू पक्ष को उक्त स्थान पर पूजा करने से रोकने का अनुरोध किया है। ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने मस्जिद परिसर के भीतर व्यास जी के तहखाना में हिंदू भक्तों को पूजा-अर्चना की अनुमति देने के वाराणसी की अदालत के निर्णय को चुनौती देने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का गुरुवार को रुख किया।
 
इंतेजामिया कमेटी के वकील एसएफए नकवी ने कहा कि उन्होंने इस मामले पर जल्द सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय के महानिबंधक के समक्ष आवेदन किया है। अदालत में दाखिल अपील में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के न्यासी मंडल और आचार्य वेद व्यास पीठ मंदिर के मुख्य पुजारी शैलेंद्र कुमार पाठक को पक्षकार बनाया गया है।
 
वाराणसी की अदालत के निर्णय के खिलाफ दाखिल अपील में दलील दी गई है कि यह वाद स्वयं में पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के तहत पोषणीय नहीं है। साथ ही तहखाना का व्यास परिवार के स्वामित्व में होने या पूजा आदि के लिए देखरेख किए जाने की कोई चर्चा नहीं थी जैसा कि मौजूदा वाद में दावा किया गया है।
 
अपील में यह भी आरोप है कि इस वाद को दायर करने का मुख्य उद्देश्य ज्ञानवापी मस्जिद के संचालन को लेकर कृत्रिम विवाद पैदा करने का एक प्रयास है, जहां नियमित रूप से नमाज अदा की जाती है। इस बीच, हिंदू पक्ष को सुनने के लिए उनकी ओर से अदालत में एक कैविएट दाखिल किया गया है। इससे पूर्व दिन में उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में वाराणसी की जिला अदालत के आदेश के खिलाफ इंतेजामिया कमेटी को उच्च न्यायालय जाने को कहा था।
तहख़ाने में पूजा का अधिकार दिए जाने के आदेश के एक दिन बाद ज़िला प्रशासन द्वारा शुरू कराए गए पूजा-पाठ को बंद कराने के लिए मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने गुरुवार को ही जिला न्यायाधीश की अदालत में भी प्रार्थना पत्र दायर किया।
मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता रईस अहमद अंसारी ने बताया कि जिला प्रशासन को तहखाने में सात दिन के अंदर पूजा-पाठ शुरू कराए जाने का आदेश जिला न्यायाधीश ने दिया था, परंतु आनन फानन में इतनी जल्दी पूजा शुरू कराया जाना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि वहां पूजा-पाठ अभी रोका जाए और हमें अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का समय दिया जाए।
 
रईस अहमद ने बताया कि जिला न्यायाधीश एके विश्वेश के कल ही रिटायर होने की वजह से प्रभारी न्यायाधीश अनिल पंचम ने हमारे प्रार्थना पत्र को रख लिया। मुस्लिम पक्ष द्वारा 15 दिन का और समय मांगने के प्रार्थना पत्र पर वहां उपस्थित हिंदू पक्ष ने अपनी आपत्ति जताई। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Jharkhand Politics : हैदराबाद नहीं जा सके गठबंधन के विधायक, कोहरे की वजह से फ्लाइट कैंसल