उत्तराखंड में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है। राज्य के विभिन्न हिस्सों से करीब 700 मृत कौओं में 8 के सैंपल भोपाल और बरेली भेजे गए थे। इसमें से कोटद्वार के 2 सैंपलों और देहरादून से भेजे गए एक सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद पशुपालन और वन विभाग में हड़कंप मच गया है।
उत्तराखंड वन विभाग ने बर्ड फ्लू को लेकर रेड अलर्ट जारी करते हुए नोडल अधिकारी भी नामित कर दिए हैं। इसके बाद वन मुख्यालय से कपिल लाल को नोडल अधिकारी बनाया गया है। वन और पशुपालन विभाग लोगों से अपील कर रहा है कि कहीं भी पक्षी मृत मिलने पर न तो उसे छुएं और न ही उसे दफन करने या जलाने की कोशिश करें बल्कि वन विभाग को इसकी जानकारी दें।
वन विभाग की टीम ही मृत पक्षी का सैंपल लेगी और उसे जगह से हटाएगी। बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद देहरादून में वनमंत्री हरकसिंह ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और शाम तक पूरे प्रदेश के सभी वन अधिकारियों को अलर्ट पर रहने का निर्देश जारी करने को कहा।
प्रमुख वन संरक्षक की ओर से देर शाम तक आदेश जारी कर दिए गए थे। वन मुख्यालय ने मंडल स्तर पर वन अधिकारियों से कहा है कि जिला मुख्यालय पर नोडल अधिकारी घोषित किए जाएं। इसके साथ ही हर जिले में हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाएं।
सोमवार को पांच कबूतर श्रीनगर तहसील परिसर में, एक कबूतर लैंसडौन के छावनी नगर में टिप्सी होटल के निकट मृत मिला जबकि जीजीआईसी के निकट घायल अवस्था में मिले कौवे की उपचार के दौरान मौत हो गई। एम्स ऋषिकेश में दूसरे दिन भी 6 मृत कौवे और एक कबूतर मिला।
शहर के अन्य स्थानों से भी कबूतर और कौवे मरने की सूचना है। माधोवाला बुल्लावाला सुसवा नदी क्षेत्र में मरे हुए कौवे मिलने के बाद स्थानीय लोग सतर्क हो गए हैं। लोग मृत पक्षियों के पास जाने से परहेज कर रहे हैं।