लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बयान जारी करते हुए योगी सरकार के स्वास्थ्य विभाग व कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में जब समाज का हर वर्ग सरकारी प्रयासों का समर्थन और सहयोग कर रहा है लेकिन स्वयं मुख्यमंत्री जी, उनकी टीम इलेवन तथा प्रशासन के आला अफसरों के नियंत्रण में न तो स्वास्थ्य सेवाएं रह गई हैं और नहीं कानून व्यवस्थाऔर जनता बेचारी पिस रही है। लॉकडाउन में भी जंगलराज कम नहीं हुआ।
उन्होंने बयान में कहा कि हत्या, बलात्कार, लूट की घटनाओं में कमी नहीं हो रही है। अगर स्वास्थ सेवाओं की बात करें तो आगरा मण्डल में स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा दिखाई दी। उपचार और जांच रिपोर्ट में देरी से कोरोना पॉजिटिव महिला सिपाही को समय से उपचार नहीं मिला। बेटी का जन्म हुआ पर मां की मौत से परिवार पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा।
आगरा के ही एसएन मेडिकल कालेज में कैंसर के इलाज के लिए भर्ती महिला मरीज का पैर चूहे ने कुतर दिया। यहां कोविड-19 टेस्ट की रिपोर्ट के इंतजार में दो दिन बीत गए। इसके दो दिन बाद ऑक्सीजन लगाई गई। पति के चीखने चिल्लाने पर भी किसी ने इलाज नहीं किया।
कानून व्यवस्था का यह हाल है कि चित्रकूट में भाजपा सांसद के पेट्रोल पम्प पर 50 हजार रुपए की लूट हो गई। स्वयं मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में प्रशासन की मिली भगत से सत्ता संरक्षित दबंगों ने अनुसूचित जाति के भूमिहीन लोगों की फसल को उजाड़ दिया। प्रशासन का अत्याचार यही नहीं थमा उन्हें फर्जी मुकदमों में भी फंसा दिया।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा राज में गरीबों, पिछड़ों और दलितों की कहीं सुनवाई नहीं है। अगर जनपद कन्नौज के गुरूसहायगंज थाना के अन्तर्गत गौरियापुर में के बेटी साथ बलात्कार ने सभी मर्यादाओं की धज्जियां उड़ गई और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।