नागपुर। महाराष्ट्र के नागपुर में पारिवारिक झगड़े के बाद गुस्से में घर छोड़कर निकली एक नाबालिग लड़की से 2 अलग-अलग स्थानों पर कुछ घंटे के भीतर 6 लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपियों में से 4 ऑटोरिक्शा चालक शामिल हैं। पुलिस ने रविवार को बताया कि 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि गुरुवार रात तिमकी इलाके में एक कमरे में नाबालिग का 4 लोगों ने कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया और इसके बाद मायो अस्पताल चौराहे के निकट 2 लोगों ने ऑटोरिक्शा में उससे कथित तौर पर दुष्कर्म किया। पुलिस ने बताया कि अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाली लड़की का घर में भाभी से झगड़ा हो गया था। पुलिस ने बताया कि इसके बाद वह घर छोड़कर निकल गई और उसके एक दोस्त ने उसे अपने ऑटोरिक्शा से लोहापुल इलाके में छोड़ दिया, जहां वह एक ऑटोरिक्शा चालक से मिली, जिसकी पहचान बाद में शाहनवाज उर्फ सना मोहम्मद राशिद (25) के रूप में हुई।
अधिकारी ने प्राथमिकी के आधार पर बताया कि लड़की ने शाहनवाज से पैसे और आश्रय की मदद मांगी और वह मदद देने के बहाने उसे अपने ऑटोरिक्शा में बिठाकर एक अवैध शराब की दुकान पर लेकर गया, जहां उसने शराब पी और लड़की को भी पीने को मजबूर किया। अधिकारी ने बताया कि इसके बाद वह उसे तिमकी में 2 लोगों के किराए के घर में ले गया जो नागपुर रेलवे स्टेशन पर लोडर (सामान चढ़ाने-उतारने) का काम करते हैं। अधिकारी ने बताया कि वहां लड़की से शाहनवाज, उसके दोस्त तौशीफ मोहम्मद यूसुफ (26) और 2 लोडर ने कथित तौर दुष्कर्म किया।
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद शाहनवाज ने लड़की को मायो अस्पताल चौराहे पर छोड़ दिया। अधिकारी के अनुसार उसके वहां से जाने के बाद 2 अन्य ऑटोरिक्शा चालक लड़की को जबरन अपने वाहन में ले गए और उसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया।
अधिकारी ने बताया कि बाद में वहां 2 लोगों ने लड़की को देर रात अकेले पाया तो बातचीत करने पर लड़की ने उन्हें बताया कि उसे कुछ पैसों की जरूरत है ताकि वह नासिक जाने वाली ट्रेन में चढ़ सके। उन्होंने उसे कुछ पैसे दिए। अधिकारी ने बताया कि नागपुर रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने लड़की को देखा और कुछ संदेह होने पर उन्होंने लड़की को विश्वास में लिया और उसे बाल देखभाल केंद्र को सौंप दिया।
जीआरपी ने रविवार को शाहनवाज, यूसुफ और मोहम्मद मुशीर को गिरफ्तार कर लिया। ये सभी मोमीनपुरा के रहने वाले हैं। इन्हें सीताबुल्दी पुलिस थाने को सौंप दिया गया जबकि वहीं 3 आरोपी फरार हैं।