रायपुर। छत्तीसगढ़ में लगभग एक लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों (संविदा शिक्षक) के हड़ताल के कारण बड़ी संख्या में स्कूलों के ताले नहीं खुलने को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने तीन दिन में डियूटी पर वापस नही आने वाले शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त करने तथा शिक्षण कार्य के लिए 12वीं पास स्थानीय युवकों को आमंत्रित करने का आदेश दिया है।
राज्य के अपर मुख्य सचिव एमके राउत ने इस बारे में जारी दो अलग-अलग आदेश जारी किए है, जिससे शिक्षाकर्मियों के आंदोलन से कड़ाई से निपटने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य के स्कूल शिक्षा सचिव ने दो दिन पूर्व 90 प्रतिशत स्कूलों को खुले होने का दावा किया था, लेकिन राउत द्वारा जारी इन दोनों आदेशों से साफ लगता है कि आंदोलनकारियों के के कई हजार स्कूलों के ताले नही खुलने के दावे में कहीं ज्यादा सच्चाई है।
राउत ने सभी जिला पंचायतों और जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा हैं कि उनके जिलों में परिवीक्षाधीन और स्थानांतरित ऐसे शिक्षक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए जो 20 नवंबर से अनाधिकृत रूप से हड़ताल पर हैं। उन्होंने अधिकारियों को ऐसे शिक्षकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत उन्हें तीन दिन के भीतर संबंधित स्कूलों में उपस्थित होने और अध्यापन कार्य करने के लिए नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। (वार्ता)