यदि कोई कैलेंडर आपकी मान्यता, विश्वास, धार्मिक घटना, संदेशवाहक के जन्म, जयंती आदि पर आधारित है तो वह कैलेंडर भी कैलेंडर ही होता है लेकिन उसका संबंध किसी नए वर्ष से कैसे हो सकता है? साल सिर्फ कैलेंडरों में बदलता है मौसम में, हवा में या हमारी सोच में नहीं बदलता है। धरती और सूर्य को पता नहीं है कि नया साल कब प्रारंभ होता है। रात्रि की 12 बजाने वाली घड़ी को भी पता नहीं है कि कब नया साल प्रारंभ होता है। किसी पशु और पक्षी को भी पता नहीं है कि नया वर्ष कब प्रारंभ होगा।
सूर्योदय का नया साल : सूर्योदय के अनुसार भारतीय समय अनुसार 31 दिसंबर की दोपहर 3:30 बजे समोआ और क्रिसमस आइलैंड, किरीबैती में नया वर्ष शुरू हो जाता है। जापान और दक्षिण कोरिया में 31 दिसंबर की रात 8:30 बजे नया साल शुरू हो जाता है। यूएस माइनर आउटलाइंग आइलैंड में सबसे आखिर में भारतीय समय के अनुसार 1 जनवरी शाम 5:35 पर नया साल मनाया जाता है। भारत की बात करें तो यहां पर सबसे पहले सूर्योदय अरुणाचल प्रदेश में होता है। लेकिन कई देशों में सूर्योदय नहीं बल्कि रात्रि में 12 बजे से नया वर्ष मनाया जाता है।
रात्रि 12 बजे का नया साल : रात्रि के अंधकार में ठीक 12 बजे करोड़ों लोग नाचते-गाते हुए और करोड़ों लोग सोते हुए नए वर्ष में प्रवेश करेंगे। मजे की बात तो यह है कि इसमें से कई लोग एक घंटे बाद तो कई लोग 12 घंटे बाद नए वर्ष में प्रवेश करेंगे और ठीक इसके उलट भी होगा कि अनगिनत लोग भारत में बजने वाले रात्रि के 12 बजे के 12 घंटे पहले ही प्रवेश कर जाएंगे। यानी नया वर्ष एकदम से नहीं होता है वह धीरे-धीरे धरती पर छा जाता है। फिर वह चाहे सूर्योदय वाला हो या की रात्रि की 12 बजे वाला हो।
कहते हैं कि रात के 12 बजे तमोगुण बढ़ने लगता है। प्रकृति के नियमों का पालन करने से वह कृत्य मनुष्य जाति के लिए सहायक और इसके विरुद्ध करने से वह हानिप्रद हो जाता है। सभी लोग शराब के नशे में झूमते हुए नए वर्ष का स्वागत करते हैं। सभी रेन डांस, अश्लिल प्रदर्शन, शराब पार्टियां और पब की लहर में डूब जाते हैं। कई लोग घरों में दुबके हुए टीवी पर नए वर्ष का जश्न देखकर खुश होते हैं। कई लोग इसे कोसते रहते हैं।
अजीब है ये नया साल : ठंड को शुरू हुए 1 माह से ज्यादा हो गया है तब जाकर कहीं जनवरी में नया साल प्रारंभ होगा। भारत में कई लोग मानते हैं कि सूर्य के उत्तरायण होने पर होता है नया वर्ष शुरू। भारत में कुछ लोग मानते हैं कि चैत्र से प्रारंभ होता है नया साल, हालांकि तब तक गर्मी के भी एक माह निकल ही चुक होते हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि नया वर्ष 21 मार्च से प्रारंभ होता है, क्योंकि 21 मार्च के बाद उत्तरी गोलार्द्ध में प्रवेश करेगा सूर्य, इससे शुरू होगा गर्मी का मौसम। 21 मार्च को सूर्य भूमध्य रेखा पर होता है। प्राचीनकाल में मार्च से प्रारंभ होता था नया साल। वैज्ञानिक कहते हैं कि मार्च में प्रकृति और धरती का एक चक्र पूरा होता है।
रात में हो जाता नया दिन प्रारंभ : मैंने कभी रात में दिन को बदलते हुए नहीं देखा। सूर्यास्त के बाद उस दिन की रात प्रारंभ होती है। उस रात का अंतिम प्रहर बीत जाने पर जब नया सूर्योदय होता है तब दिन और रात का एक चक्र पूरा हो जाता है। जबकि अंग्रेजी कैलेंडर में रात की 12 बजे नया दिन प्रारंभ हो जाता है। यानी रात में नया दिन प्रारंभ हो जाता है। भारत में लाखों लोग मानते हैं कि रात्रि के अंधकार में नववर्ष का स्वागत नहीं होता। नया वर्ष सूरज की पहली किरण का स्वागत करके मनाया जाता है। इसलिए ये लोग तड़के ही मंदिर में लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं। सभी की अपनी अपनी धारणा है।
हैप्पी न्यू ईयर : धरती का नया साल तब शुरू होता है जब वह अपनी धुरी पर अपना एक चक्र पूर्ण कर लेती हैं। इसी तरह हर ग्रह का नया साल अलग अलग उसकी घूर्णन गति के अनुसार तय होता है, लेकिन अंतरिक्ष में जहां न ग्रह है और नक्षत्र वहां न तो नया साल है और न ही नया दिन। वहां न तो रात है और न ही दिन। वहां समय अनवरत जारी है, लेकिन फिर भी मनुष्यों को हैप्पी न्यू ईयर कह देने में क्या बुराई है।