नई दिल्ली। राज्यसभा में शुक्रवार को विपक्षी दलों ने राजधानी के जवाहरलाल नेहरू विश्विवद्यालय में फीस बढ़ोतरी का मुद्दा उठाया और इसका विरोध कर रहे छात्रों पर कथित पुलिस कार्रवाई का विरोध किया जबकि भाजपा के एक सदस्य ने फीस विरोध के विरोध में चल रहे आंदोलन के औचित्य पर सवाल उठाया।
शून्यकाल में माकपा के राज्यसभा सदस्य के के. रागेश ने सभापति की अनुमति से जेएनयू में फीस बढ़ोतरी का मुद्दा उठाते हुए इस मामले में सरकार को उसके फैसले की समीक्षा करने का निर्देश देने का सुझाव दिया। उन्होंने फीस बढ़ोतरी के फैसले के खिलाफ छात्र आंदोलन को दबाने के लिए की गई पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच कराने की भी मांग की।
विपक्षी दलों के विभिन्न सदस्यों ने रागेश द्वारा उठाए गए इस विषय से स्वयं को संबद्ध करते हुए उनकी इस मांग का समर्थन किया। इस दौरान भाजपा के प्रभात झा ने भी शून्यकाल के दौरान जेएनयू में फीस बढ़ोतरी और छात्रों के अधिकारों के नाम पर चल रहे आंदोलनों के औचित्य पर सवाल उठाया।
झा ने कहा कि जेएनयू का गौरवशाली इतिहास रहा है लेकिन पिछले कुछ सालों से जेएनयू परिसर में छात्र आंदोलनों की आड़ में देश विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने इसकी जांच कराने की मांग की।
शून्यकाल में भाजपा के विजय गोयल ने दिल्ली में दूषित हवा के साथ दूषित पानी का संकट गहराने का मुद्दा उठाया। गोयल ने सरकारी आंकड़ों के हवाले से कहा कि दिल्ली में पानी की कुल मांग की आधी आपूर्ति टैंकर और बोरिंग के पानी से होती है।
गोयल ने कहा कि आपूर्ति किया जाने वाला 40 प्रतिशत पानी लीकेज के कारण बर्बाद हो जाता है। यमुना में 60 प्रतिशत दूषित पानी मिल रहा है। दिल्ली के लगभग सभी जलस्रोत दूषित हो चुके है। गोयल द्वारा पेश किए गए आंकड़ों को गलत बताते हुए आप के सदस्य संजय सिंह ने इसका विरोध किया।