मंगला गौरी विशेष : नागपंचमी के दिन मंगला गौरी व्रत, पूजा से मां पार्वती का मिलेगा आशीर्वाद

Webdunia
मंगलवार, 2 अगस्त 2022 (11:42 IST)
Mangala gauri vrat : श्रावण मास या सावन माह में जहां सोमवार के दिन शिवजी की विशेष पूजा होती है वहीं मंगलवार को माता पार्वती की पूजा भी होती है। आज यानी नागपंचमी के दिन मंगलवार है और इस दिन मंगला गौरी का व्रत भी रखा जा रहा है। मंगला गौरी पूजा से शिव के साथ मां पार्वती भी देती हैं आशीर्वाद।
 
 
मंगला गौरी मां का स्वरूप और महत्व : देवी मंगला मूल आद्य शक्ति गौरी का ही मंगल स्वरूप है। अर्थात इस स्वरूप में गौरी माता अपने भक्तों का शुभ करती हैं। गौरी का यह मंगलकारी स्वरूप सिंदूरी आभा लिए हुए है। देवी मंगला गौरी के स्वरूप का संबंध मंगल ग्रह और स्त्री के अखंड सौभाग्य से है। दुर्गा का अष्टम रूप महागौरी है। यह माता वृषभ पर सवार हैं। इनके चार हाथ हैं। इनका ऊपर वाला दाहिना हाथ अभयमुद्रा में है और नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है। बाईं ओर के ऊपर वाले हाथ में डमरू है और नीचे वाला हाथ वरमुद्रा में है। इनके वस्त्र भी सफेद रंग के हैं और सभी आभूषण भी श्वेत हैं जिस कारण इन्हें श्वेतांबरी भी कहा जाता है। 
 
महागौरी : मंगला गौरी सुहाग और गृहस्‍थ सुख की देवी मानी जाती हैं। इस दिन देवी पार्वती के गौरी स्वरूप की पूजा होती है। यह माता का आठवां स्वरूप है। इन्हें अष्टमी की देवी भी कहा जाता है। परम कृपालु मां महागौरी कठिन तपस्या कर गौरवर्ण को प्राप्त कर भगवती महागौरी के नाम से संपूर्ण विश्व में विख्यात हुईं। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान् शिव को पतिरूप में पाने के लिए इन्होंने हजारों सालों तक कठिन तपस्या की थी जिस कारण इनका रंग काला पड़ गया था परंतु बाद में भगवान शिव ने गंगा के जल से इनके वर्ण को फिर से गौर कर दिया और इनका नाम महागौरी विख्‍यात हुआ।
मंगला गौरी व्रत करने के लाभ :
1. भविष्य और नार पुराण के अनुसार इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। अत: इस दिन माता मंगला गौरी का पूजन करके मंगला गौरी की कथा सुनना फलादायी होता है। 
 
2. ज्योतिषीयों के अनुसार जिन युवतियों और महिलाओं की कुंडली में वैवाहिक जीवन में कमी महसूस होती है अथवा शादी के बाद पति से अलग होने या तलाक हो जाने जैसे अशुभ योग निर्मित हो रहे हो, तो उन महिलाओं के लिए मंगला गौरी व्रत विशेष रूप से फलदायी है। अत: ऐसी महिलाओं को सोलह सोमवार के साथ-साथ मंगला गौरी का व्रत अवश्य रखना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 11 काम, वरना पछ्ताएंगे

शुक्र के धनु राशि में गोचर से 4 राशियों को होगा जबरदस्त फायदा

सभी देखें

धर्म संसार

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन करना चाहिए ये 9 अचूक उपाय, होगी धन की वर्षा

12 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

12 नवंबर 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

Dev uthani ekadashi 2024 date: देव उठनी एकादशी की पूजा के शुभ मुहूर्त, तुलसी विवाह की विधि मंत्रों सहित

शमी के वृक्ष की पूजा करने के हैं 7 चमत्कारी फायदे, जानकर चौंक जाएंगे

अगला लेख
More