हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महानंदा नवमी व्रत मनाया जाता है। वर्ष 2020 में यह व्रत 23 दिसंबर 2020, बुधवार को मनाया जा रहा है। इस दिन विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजान करके व्रत रखा जाता है।
महानंदा नवमी व्रत जीवन में सुख-समृद्धि, रुपया-पैसा एवं धन की प्राप्ति के लिए किया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मार्गशीर्ष मास की नवमी तिथि को श्री महानंदा नवमी पर्व मनाया जाता है। किसी अज्ञात कारणों की वजह से अगर जीवन में सुख-समृद्धि, रुपया-पैसा, धन की कमी हुई हो, तो यह व्रत करना बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसीलिए नवमी के दिन महानंदा व्रत किया जाता है।
वह व्रत करने से गरीबी दूर होती है तथा श्री की देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने से घर का दारिद्रय (गरीब या निर्धन होने की अवस्था) समाप्त होकर जीवन में संपन्नता आती है। इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। इस दिन असहाय लोगों को दान करने से सुख-समृद्धि के साथ ही विष्णु लोक की प्राप्ति भी होती है।
आइए जानें कैसे करें पूजन-
* ब्रह्म मुहूर्त में घर का कूड़ा-कचरा इकट्ठा करके सुपड़ी (सूपे) में रखकर घर के बाहर करना चाहिए। इसे अलक्ष्मी का विसर्जन कहा जाता है। तत्पश्चात
दैनिक कार्य से निवृत होकर स्नानादि करके स्वच्छ धुले हुए वस्त्र धारण करना चाहिए तथा श्री महालक्ष्मी का आवाहन करना चाहिए।
* इस दिन पूजन स्थान के बीचोबीच एक बड़ा अखंड दीया जलाना चाहिए।
* रात्रि जागरण करना चाहिए।
* महालक्ष्मी मंत्र- 'ॐ ह्रीं महालक्ष्म्यै नम:' का जप करना चाहिए।
* रात्रि में पूजा के पश्चात व्रत का पारण करना चाहिए।
* पौराणिक शास्त्रों में नवमी के दिन कुंआरी कन्या का पूजन करके उससे आशीर्वाद लेना विशेष शुभ माना गया है। अत: नवमी तिथि को कन्याओं चरण अवश्य छूने चाहिए।