Kalashtami : प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी कहते हैं। श्रावण माह की कालाष्टमी 20 जुलाई 2022 को है। इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा और साधना होती है। इसी दिन दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
काल भैरव की पूजा विधि :- Kaal Bhairav Puja Vidhi:
1. इस दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठ कर नित्य-क्रिया आदि कर स्वच्छ हो जाएं।
2. एक लकड़ी के पाट पर सबसे पहले शिव और पार्वतीजी के चित्र को स्थापित करें। फिर काल भैरव के चित्र को स्थापित करें।
3. जल का छिड़काव करने के बाद सभी को गुलाब के फूलों का हार पहनाएं या फूल चढ़ाएं। इनकी पूजा में चमेली का फूल चढ़ाएं।
4. अब चौमुखी दीपक जलाएं और साथ ही गुग्गल की धूप जलाएं। पूरा नारियल दक्षिणा के साथ चढ़ाएं।
5. कंकू, हल्दी से सभी को तिलक लगाकर हाथ में गंगा जल लेकर अब व्रत करने का संकल्प लें।
6. अब शिव और पार्वतीजी का पूजन करें और उनकी आरती उतारें।
7. फिर भगवान भैरव का पूजन करें और उनकी आरती उतारें। भगवान भैरव को जलेबी या इमरती का भोग लगाएं।
8. इस दौरान शिव चालीसा और भैरव चालीसा पढ़ें।
9. ह्रीं उन्मत्त भैरवाय नमः का जाप करें। इसके उपरान्त काल भैरव की आराधना करें।
10. अब पितरों को याद करें और उनका श्राद्ध करें।
11. व्रत के सम्पूर्ण होने के बाद काले कुत्ते को मीठी रोटियां खिलाएं या कच्चा दूध पिलाएं।
12 अंत में श्वान का पूजन भी किया जाता है।
13. अर्धरात्रि में धूप, काले तिल, दीपक, उड़द और सरसों के तेल से काल भैरव की पूजा करें।
14. इस दिन लोग व्रत रखकर रात्रि में भजनों के जरिए उनकी महिमा भी गाते हैं।
कालाष्टमी का दान- Kalashtami Ka Daan karen :
1. इस दिन कच्चा दूध भैरव मंदिर में दान करना चाहिए।
2. इस दिन जरूरतमंद को काला और सफेद दोरंगा (दो रंग का) कंबल दान करें।
3. कुत्तों को रोटी खिलाएं।
4. गाय को जौ, गुड़ और घी के साथ रोटी खिलाएं।
5. इस दिन सरसों का तेल, काले कपड़े, खाने की तली हुई चीजें, घी, जूते-चप्पल, कांसे के बर्तन और जरूरतमंद लोगों से जुड़ी किसी भी चीज का दान करें।