हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ महीने में गुप्त नवरात्रि का पर्व चल रहा है और 7 जुलाई 2022, गुरुवार को मासिक दुर्गाष्टमी पर्व (Masik Durgashtami) मनाया जाएगा। हिन्दू धर्म के अनुसार हर माह आने वाली शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी व्रत मनाया जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी को मास दुर्गाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है। वर्ष में चार नवरात्रि होती है। चैत्र में चैत्र नवरात्रि, आश्विन में शारदीय नवरात्रि और आषाढ़ एवं माघ में गुप्त नवरात्रि का पर्व होता है।
इन नवरात्रियों में अष्टमी तिथि का खास महत्व होता है। गुप्त नवरात्रि में आने वाली आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी का भी विशेष महत्व है। इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ मां दुर्गा की पूजा करने से जो भी कामना की जाए वह जरूर पूर्ण होती हैं। इस दिन व्रत रखकर मां दुर्गा जी की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि दुर्गाष्टमी व्रत के दिन सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ मां दुर्गा की पूजा करने से भक्त की सारी परेशानी दूर होती है। आइए जानें मासिक दुर्गाष्टमी के शुभ योग, मुहूर्त एवं पूजा विधि-
मासिक दुर्गाष्टमी के शुभ मुहूर्त-Masik Durgashtami Muhurat
आषाढ़ शुक्ल अष्टमी तिथि का प्रारंभ- 6 जुलाई 2022 को सुबह 10.18 मिनट से शुरू।
07 जुलाई 2022 को सुबह 09.58 मिनट पर अष्टमी तिथि समाप्त होगी।
उदया तिथि के अनुसार 07 जुलाई को मासिक दुर्गाष्टमी व्रत रखा जाएगा।
इस दिन बन रहे हैं यह खास योग-Masik Durgashtami Yoga
- शिव योग- प्रात: से लेकर रात 11.31 मिनट तक।
- रवि योग- 08 जुलाई को सुबह 02.44 मिनट से सुबह 5.53 मिनट तक
- अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12.31 मिनट से दोपहर 01.31 मिनट तक
- परिघ योग- 6 जुलाई सुबह 11.42 मिनट से 7 जुलाई को सुबह 10.38 मिनट तक।
मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि-Masik Durgashtami Puja Vidhi
- मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करके साफ वस्त्र धारण करें।
- अब पूरे घर की और मंदिर की साफ-सफाई करें।
- पूजन सामग्री एकत्रित कर लें।
- पूजन से पहले घर में स्थित मंदिर को तोरण, मांगलिक पत्र एवं पुष्पों से सजाएं।
- एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें।
- मां दुर्गा को लाल चुनरी, सिंदूर, अक्षत, लाल पुष्प अर्पित करें। इस दिन गंगाजल छिड़के तथा पवित्रता के साथ देवी दुर्गा का पूजन करें।
- धूप, अगरबत्ती एवं दीप जलाकर माता की आरती उतारें।
- मिठाई व फलों का प्रसाद चढ़ाएं।
- दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- प्रसाद वितरित करें।
- छोटी कन्याओं को भोजन कराएं एवं भेंट अथवा दक्षिणा दें।
- दिन भर उपवास रखकर दुर्गा मंत्रों का जाप करें।
- इस दिन संयम तथा ब्रह्मचर्य का पालन करें।
आज न करें ये कार्य-kya n karen
- सास-ससुर, माता-पिता, ननद, बेटी एवं गुरु का अपमान न करें।
- भोग-विलास की चीजों से दूर रहें।
- क्रोध नहीं करें और ना ही झूठ बोलें।
- गंदा घर न रखें।
- किसी की निंदा न करें।