Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Bhairav Ashtami 2019 : आप नहीं जानते होंगे श्री काल भैरव के बारे में ये 15 खास बातें

हमें फॉलो करें Bhairav Ashtami 2019 : आप नहीं जानते होंगे श्री काल भैरव के बारे में ये 15 खास बातें
भगवान काल भैरव की महिमा अनेक शास्त्रों में मिलती है। भैरव जहां शिव के गण के रूप में जाने जाते हैं, वहीं वे दुर्गा के अनुचारी माने गए हैं। मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी के दिन भगवान महादेव ने काल भैरव के रूप में अवतार लिया था।
आइए जानें काल भैरव के बारे में 15 खास बातें...
 
 
1. भगवान काल भैरव की सवारी कुत्ता है। 
 
2. श्री काल भैरव रात्रि के देवता माने जाते हैं।
 
3. भैरव जी को काशी का कोतवाल माना जाता है। 
 
4. काल भैरव अपने भक्तों और उनकी संतान को लंबी उम्र प्रदान करते हैं। 
 
5. भैरव के नाम जप मात्र से मनुष्य को कई रोगों से मुक्ति मिलती है। 
 
6. इनकी आराधना का खास समय भी मध्य रात्रि में 12 से 3 बजे का माना जाता है।

 
7. भैरव जी को चमेली फूल प्रिय होने के कारण उपासना में इसका विशेष महत्व है। 
 
8. जन्मपत्रिका में अगर मारकेश ग्रहों के रूप में उक्त चारों ग्रहों में से किसी एक का भी प्रभाव दिखाई देता हो तो भैरव जी का पंचोपचार पूजन जरूर करवाना चाहिए। 
 
9. भैरव के जाप, भैरव चालीसा, भैरव स्तुति आदि पठनात्मक एवं हवनात्मक अनुष्ठान करने से वे मृत्युतुल्य कष्ट को समाप्त कर देते हैं।

 
10. यदि भूत प्रेत बाधाएं, तांत्रिक क्रियाओं से परेशान हैं तो आप शनिवार या मंगलवार कभी भी अपने घर में भैरव पाठ कराने से सभी कष्टों और परेशानियों से मुक्ति मिलती हैं। 
 
11. शनि, राहु, केतु तथा मंगल ग्रह से जो जातक पीड़ित हैं, उन्हें भैरव की साधना अवश्य ही करनी चाहिए। 
 
12. काल भैरव भगवान महादेव का अत्यंत ही रौद्र, भयाक्रांत, वीभत्स, विकराल प्रचंड स्वरूप है।

 
13. भैरव जी का रंग श्याम वर्ण तथा उनकी 4 भुजाएं हैं, जिनमें वे त्रिशूल, खड़ग, खप्पर तथा नरमुंड धारण किए हुए हैं। 
 
14. भैरवाष्‍टमी के दिन कुत्ते को मिष्ठान खिलाकर दूध पिलाना चाहिए। 
 
15. दुष्टों का दमन करने के कारण इन्हें 'आमर्दक' कहा गया है।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

लाल किताब अनुसार सूर्य के अशुभ होने से होती हैं ये 5 बीमारियां, जानिए 5 उपाय