श्रावण मास में आने वाली अमावस्या को श्रावणी अमावस्या कहा जाता है, इसे हरियाली अमावस्या भी कहते हैं।
प्रत्येक अमावस्या की तरह श्रावणी अमावस्या पर भी पितरों की शांति के लिए पिंडदान और दान-धर्म करने का महत्व है।
इस बार 20 जुलाई को श्रावणी अमावस्या है।
इस साल की श्रावण अमावस्या कई मायनों में विशेष है। अमावस्या जिस दिन है, उस दिन सावन सोमवार भी है।
श्रावण अमावस्या मुहूर्त
जुलाई 20, 2020 को 00:11:42 से अमावस्या आरंभ
जुलाई 20, 2020 को 23:04:10 पर अमावस्या समाप्त
श्रावण अमावस्या का महत्व
धार्मिक और प्राकृतिक महत्व की वजह से श्रावण अमावस्या बहुत लोकप्रिय है। दरअसल इस दिन वृक्षों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने के लिए इसे हरियाली अमावस्या के तौर पर जाना जाता है। वहीं धार्मिक दृष्टिकोण से इस दिन पितरों का पिंडदान और अन्य दान-पुण्य संबंधी कार्य किए जाते हैं।
श्रावण अमावस्या पूजा विधि
इस दिन गंगा जल से स्नान करें। सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें। श्रावणी अमावस्या का उपवास करें एवं किसी गरीब को दान-दक्षिणा दें। श्रावणी अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का विधान है। इस दिन पीपल, बरगद, केला, नींबू अथवा तुलसी का वृक्षारोपण जरूर करें। किसी नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलाएं।अपने घर के पास चींटियों को चीनी या सूखा आटा खिलाएं।