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हरियाली अमावस्या के दिन करेंगे ये 5 कार्य तो होगा अपार लाभ

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अनिरुद्ध जोशी

, रविवार, 19 जुलाई 2020 (10:51 IST)
अमावस्या सूर्य और चन्द्र के मिलन का काल है। इस दिन दोनों ही एक ही राशि में रहते हैं। अमावस्या माह में एक बार ही आती है। मतलब यह कि वर्ष में 12 अमावस्याएं होती हैं। श्रावण माह में हरियाली अमावस्या आती है।

 
1. श्रावण कृष्ण पक्ष अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। इसे महाराष्ट्र में गटारी अमावस्या कहते हैं। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में चुक्कला एवं उड़ीसा में चितलागी अमावस्या कहते हैं। इस दिन कई जगहों पर मेला लगता है और लोग झूला झूलते हैं।
 
2. शास्त्रों में अमावस्या तिथि का स्वामी पितृदेव को माना जाता है। अत: इस दिन पितृ दोष से मुक्ति हेतु पितृ शांति के उपाय किए जाते हैं।
 
3. हरियाली अमावस्या के दिन पौधा रोपण या वृक्षारोपण का बहुत महत्व है। आम, आंवला, पीपल, वटवृक्ष और नीम के पौधों को रोपने का विशेष महत्व बताया गया है। वृक्ष रोपण करने ग्रह नक्षत्र और पितृदोष शांत हो जाते हैं।
 
4. श्रावण मास में महादेव के पूजन का विशेष महत्व है इसीलिए हरियाली अमावस्या पर विशेष तौर पर शिवजी का पूजन-अर्चन किया जाता है।
 
5. इस दिन व्रत करने का भी बहुत महत्व बताया गया है। सभी तरह के रोग और शोक मिटाने हेतु विधिवत रूप से इस दिन व्रत रखा जाता है।

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