Kalki Jayanti 2024: 10 अगस्त को कल्कि जयंती, जानें पूजन के मुहूर्त और विधि

WD Feature Desk
शुक्रवार, 9 अगस्त 2024 (16:49 IST)
ALSO READ: Budh ast 2024: बुध सिंह राशि में अस्त: 5 राशियों को रहना होगा सतर्क
 
2024 Kalki Jayanti : हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष 2024 में दिन शनिवार, 10 अगस्त को कल्कि जयंती मनाई जा रही है। कैलेंडर की मानें तो श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर कल्कि अवतार का दिन मनाया जाता है।

धर्मशास्त्रों के मुताबिक भगवान कल्कि को भगवान श्रीहरि विष्णु का दसवां अवतार माना जाता है और यह अंतिम अवतार भी होगा। अत: इस हिसाब से इस बार सावन माह में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को कल्कि जयंती मनाई जाएगी तथा इसी दिन स्कन्द षष्ठी भी रहेगी। 

ALSO READ: शनि, राहु और बृहस्पति के गोचर से वर्ष 2025 में क्या होगा? विद्वान ज्योतिषाचार्य से जानें
 
कल्कि जयंती 2024 के शुभ मुहूर्त : Kalki Jayanti 2024 Muhurat 
 
कल्कि जयंती का दिन : शनिवार, 10 अगस्त 2024 को
इस बार रवि योग पूरे दिन रहेगा। तथा द्विपुष्कर योग- 11 अगस्त 05:44 ए एम से 05:48 तक रहेगा।
 
श्रावण शुक्ल षष्ठी तिथि का प्रारंभ- 10 अगस्त 2024, शनिवार को तड़के 03:14 मिनट से।
षष्ठी तिथि की समाप्ति- 11 अगस्त 2024, रविवार को सुबह 05:44 मिनट पर।
 
कल्कि जयंती पूजन मुहूर्त- शाम 04:25 से 07:05 मिनट तक। 
कुल अवधि- 02 घंटे 39 मिनट्स
 
10 अगस्त, शनिवार : दिन का चौघड़िया
 
शुभ- सुबह 07:27 से 09:07 
चर- दोपहर 12:26 से 02:06 
लाभ- दोपहर 02:06 से 03:45 
अमृत- अपराह्न 03:45 से 05:25 
 
रात्रि का चौघड़िया
लाभ- शाम 07:05 से 08:25 
शुभ- रात 09:46 से 11:06 
अमृत- रात 11:06 से 11 अगस्त 12:26 ए एम तक। 
चर- 11 अगस्त को 12:26 ए एम से 01:47 तक।
लाभ- 11 अगस्त को 04:28 ए एम से 05:48 तक। 
 
कल्कि जयंती पूजा विधि : Kalki Jayanti 2024 Puja Vidhi 
 
- कल्कि भगवान पूजन हेतु श्रावण शुक्ल षष्ठी के दिन नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्वच्छ कपड़े पहनें।
- उसके बाद अपने ईष्ट देव का स्मरण करें। 
- अब पटिये पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर अपने ईष्ट देव या जिसका भी पूजन कर रहे हैं उस भगवान की मूर्ति या चि‍त्र को रखें। 
- यदि मूर्ति हैं तो स्नान कराएं अथवा चित्र है तो उसे अच्छे से साफ-स्वच्छ करें।
- पूजन के समय अनामिका अंगुली यानि छोटी उंगली के पास वाली/ रिंग फिंगर से चंदन, कुमकुम, हल्दी आदि लगाएं।  
- देवताओं के मस्तक पर हल्दी, कुमकुम, चंदन और अक्षत लगाएं। 
- हार माला पहनाकर पुष्प अर्पित करें। 
- पूजन के समय धूप, दीपल अगरबत्ती जलाएं। 
- फिर उनकी आरती उतारें। 
- तत्पश्चात तुलसी का एक पत्ता रखकर प्रसाद/ नैवेद्य चढ़ाएं। 
- श्रीहरि विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
- इस तरह शुद्धता व सात्विकता के साथ पूजन संपन्न करें। 
- उसके बाद व्रत-उपवास खोलें। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ALSO READ: Raksha baanddhan 2024: पाताल लोक की भद्रा नहीं करेगी हानि, जानिए कब बांध सकते हैं भाई को राखी

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Tula Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: तुला राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Job and business Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों के लिए करियर और पेशा का वार्षिक राशिफल

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व, इस दिन क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए?

क्या आप नहीं कर पाते अपने गुस्से पर काबू, ये रत्न धारण करने से मिलेगा चिंता और तनाव से छुटकारा

Solar eclipse 2025:वर्ष 2025 में कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा और कहां नहीं

सभी देखें

धर्म संसार

Utpanna ekadashi date: उत्पन्ना एकादशी का व्रत क्यों रखते हैं?

Shani Gochar 2025: शनि ग्रह मीन राशि में जाकर करेंगे चांदी का पाया धारण, ये 3 राशियां होंगी मालामाल

Meen Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: मीन राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Kumbh Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कुंभ राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

2025 predictions: वर्ष 2025 में आएगी सबसे बड़ी सुनामी या बड़ा भूकंप?

अगला लेख
More