वाशिंगटन। नव नामित मुख्य चिकित्सा अधिकारी वनिला सिंह का कहना है कि भारतीय अमेरिकी समुदाय में नशीले पदार्थों के सेवन की रुझान बढ़ रहा है।
विदित हो कि उन्हें स्वास्थ्य और मानव सेवाएं विभाग में सहायक मंत्री का पद दिया गया है। भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर ने इंडिया वेस्ट को बताया कि उन्होंने भारतीय अमेरिकी समुदाय में नशीले पदार्थों के प्रयोग की बढ़ती प्रवृत्ति पर गौर किया है।
सुश्री सिंह ने कहा कि यह प्रवृत्ति अभी उभर ही रही है। भारतीय अमेरिकी डॉक्टर ने अपनी 12 जून से शुरू होने वाली नई भूमिका के लिए तैयारी शुरू कर दी है लेकिन वे चाहती हैं कि जब तक वे नए काम के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हो जाती हैं तब तक वे इसका प्रचार नहीं करना चाहती हैं। स्वास्थ्य विभाग के मंत्री टॉम प्राइस ने वनिला को उनकी नियुक्ति पर बधाई दी है। विदित हो कि इससे पहले वे स्टानफोर्ड में एक एनेस्थेसियोलॉजिस्ट थीं।
उनका कहना है कि वे प्राइस पिछले दो वर्षों से जानती हूं जबकि वे स्वास्थ्य नीति पर नेशनल फिजिशियन्स काउंसिल की उप प्रमुख थीं। तब प्राइस ने परिषद की बैठक में प्रमुख का पद भार संभाला था। जॉर्जिया के छठवें डिस्ट्रिक्ट का कांग्रेस में प्रतिनिधि करने वाले डाक्टर प्राइस का कहना है कि हमारी चिंता का विषय एक ही है और हम
मानव स्वास्थ्य विभाग ने तीन प्रमुख क्षेत्रों पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है। वे चाहती हैं कि समूचे देश में मादक पदार्थों के उपयोग पर नियंत्रण करें, मानसिक क्षेत्र में बढ़ता संकट और बच्चों में बढ़ते मोटापे पर कैसे नियंत्रण पाया जाए। उल्लेखनीय है कि मैं वे पिछले 13 वर्षों से डॉक्टर हैं। वे स्टानफोर्ड में एनेस्थेशियालॉजिस्ट के तौर पर विशेषज्ञता हासिल कर चुकी हैं और उन्हें जटिल तथा जिद्दी दर्द संबंधी मुद्दों का इलाज करने में विशेष दक्षता हासिल है।
उनका कहना है कि मादक, नशीली दवाओं के प्रभाव से बीस लाख से ज्यादा अमेरिकी प्रभावित हैं। इतना ही नहीं, इन कारणों से प्रति दिन कम से कम 90 लोगों की मौत होती है। उन्होंने भारतीय अमेरिकी समुदाय से आग्रह किया कि वे इस मामले का इलाज कराने के मामले में खुलापन अपनाएं। अपनी नई नियुक्ति के साथ वे नए बनाए गए पेन मैनेजमेंट बेस्ट प्रैक्टिसिज इंटर-एजेंसी टास्क फोर्स की प्रमुख भी बनाई जाएंगी।