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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024

आज के शुभ मुहूर्त

(कालभैरव अष्टमी)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00 तक
  • व्रत/मुहूर्त-श्री कालभैरव अष्टमी/ सत्य सांईं जन्म.
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
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गुप्त नवरात्रि : एकत्र करें ये 17 पूजा सामग्री और इस सरल विधि से करें पूजन

हमें फॉलो करें गुप्त नवरात्रि : एकत्र करें ये 17 पूजा सामग्री और इस सरल विधि से करें पूजन
आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का शुभ आरंभ 3 जुलाई से हो रहा है। अगर आप किसी तराह की तंत्र विद्या में न जाकर सामान्य पूजा से मनवांछित फल पाना चाहते हैं तो यह जानकारी आपके लिए है... 

एकत्र करें ये 17 पूजा सामग्री
●  मां दुर्गा की प्रतिमा अथवा चित्र
●  लाल चुनरी
●  आम की पत्तियां
●  चावल
●  दुर्गा सप्तशती की किताब
●  लाल कलावा
●  गंगा जल
●  चंदन
●  नारियल
●  कपूर
●  जौ के बीच
●  मिट्टी का बर्तन
●  गुलाल
●  सुपारी
●  पान के पत्ते
●  लौंग
●  इलायची

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नवरात्रि पूजा विधि
 
●  सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें। 
●  ऊपर दी गई पूजा सामग्री को एकत्रित करें। 
●  पूजा की थाल सजाएं। 
●  मां दुर्गा की प्रतिमा को लाल रंग के वस्त्र में सजाएं। 
●  मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोएं और नवमी तक प्रति दिन पानी का छिड़काव करें। 
●  पूर्ण विधि के अनुसार शुभ मुहूर्त में कलश को स्थापित करें। इसमें पहले कलश को गंगा जल से भरें, उसके मुख पर आम की पत्तियां लगाएं और उस पर नारियल रखें। कलश को लाल कपड़े से लपेटें और कलावा के माध्यम से उसे बांधें। अब इसे मिट्टी के बर्तन के पास रख दें। 
●  फूल, कपूर, अगरबत्ती, ज्योत के साथ पंचोपचार पूजा करें। 
●  नौ दिनों तक मां दुर्गा से संबंधित मंत्र का जाप करें और माता का स्वागत कर उनसे सुख-समृद्धि की कामना करें।
●  अष्टमी या नवमी को दुर्गा पूजा के बाद नौ कन्याओं का पूजन करें और उन्हें तरह-तरह के व्यंजनों (पूड़ी, चना, हलवा) का भोग लगाएं। 
●  आखिरी दिन दुर्गा के पूजा के बाद घट विसर्जन करें, मां की आरती गाएं, उन्हें फूल, चावल चढ़ाएं और बेदी से कलश को उठाएं। 

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