नवरात्रि में क्यों किया जाता है गरबा, जानें इतिहास

Webdunia
navratri garba history
त्योहारों का उत्सव शुरू हो चुका है और इस उत्सव में सबसे ज्यादा नवरात्री का इंतज़ार रहता है। इस साल नवरात्री 15 अक्टूबर को मनाई जाएगी जिसके लिए देशभर में ज़ोरों शोरों से तैयारियां चल रही हैं। यह उत्सव 9 दिन तक मनाया जाता है और इस पर्व पर गर्व व डंडिया नाईट का आयोजन किया जाता है।

नवरात्री के समय हर कोई गरबा करने के लिए उत्सुक होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि नवरात्रि में गरबा की शुरुआत कैसे हुई? गरबा एक पारंपरिक व सांस्कृतिक नृत्य है जिसकी शुरुआत गुजरात से हुई थी तो चलिए जानते हैं नवरात्रि में इस नृत्य का क्या महत्व है...
 
गरबा की शुरुआत कैसे हुई?
नवरात्रि में गरबा और डांडिया खेलने की परंपरा कई सालों पुरानी है। पहले इसे भारत के गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में खेला जाता था, लेकिन धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई। गरबा शब्द कर्म और दीप से मिलकर बना है। नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी के घड़े में बहुत से छेद किए जाते हैं जिसके अंदर एक दीपक प्रज्वलित करके रखा जाता है। इसके साथ चांदी का एक का सिक्का भी रखते हैं। इस दीपक को ही दीप गर्भ कहा जाता है। 
 
दीप गर्भ की स्थापना के पास महिलाएं सुंदर व रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर माता शक्ति के आगे नृत्य कर उन्हें प्रसन्न करती हैं। आपको बता दें कि दीप गर्भ, नारी की सृजन शक्ति का प्रतीक है और गरबा इसी दीप गर्भ का अपभ्रंश रूप है। इस तरह से यह परंपरा आगे बढ़ी और आज सभी राज्यों में नवरात्री पर्व पर गरबा का आयोजन किया जाता है। साथ ही कई जगह पर गरबा प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है जिसमें कई आकर्षित इनाम भी रखे जाते हैं। 
कैसे खेला जाता है गरबा? 
गरबा नृत्य कई तरह से और कई चीजों के साथ खेला जाता है। गरबे में महिलाएं एवं पुरुष ताली, चुटकी, डांडिया और मंजीरों का उपयोग करते हैं। ताल से ताल मिलाने के लिए महिलाएं और पुरुषों का दो या फिर चार का ग्रुप बनाकर नृत्य किया जाता है। गरबे के नृत्य में मातृशक्ति व कृष्ण की रासलीला से संबंधित गीत गाए और बजाए जाते हैं। गुजरात के लोगों का यह मानना है कि गरबा नृत्य माता को बहुत प्रिय है, इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए गरबे का नवरात्रि में प्रतिवर्ष आयोजन किया जाता है।
 
क्या है गरबे का महत्व?
 
 
  • गरबा एक पारंपरिक व सांस्कृतिक नृत्य है जो भारत की संस्कृति को दर्शाता है। साथ ही यह नृत्य उत्साह और हर्ष का भी प्रतीक है। 

ALSO READ: Garba Outfit Ideas: बेस्ट गरबा लुक के लिए इन 5 ideas को करें फॉलो

Related News

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Weekly Horoscope: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा सप्ताह, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (18 से 24 नवंबर)

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 3 राशियां हो जाएं सतर्क

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

सभी देखें

धर्म संसार

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Prayagraj Mahakumbh : 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइटों से संवारा जा रहा महाकुंभ क्षेत्र

Kanya Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कन्या राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

विवाह में आ रही अड़चन, तो आज ही धारण करें ये शुभ रत्न, चट मंगनी पट ब्याह के बनेंगे योग

अगला लेख
More