नई दिल्ली। लोकप्रिय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप जूम अगले 5 वर्षों में भारत में महत्वपूर्ण निवेश करने और कर्मचारियों की संख्या में ठीक-ठाक वृद्धि करने की योजना बना रहा है। कंपनी के एक शीर्ष कार्यकारी ने यह बात कही। साथ ही उन्होंने चीन के साथ संबंधों को नकारने का प्रयास भी किया।
जूम के अध्यक्ष (उत्पाद और इंजीनियरिंग) वेलचामी शंकरलिंगम ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, कुछ गलतफहमियां निराश करने वाली हैं, खासतौर पर जूम और चीन के बारे में। हम यह स्वीकार करते हैं कि जैसे-जैसे हम भारतीय बाजार में पकड़ बनाते रहे, जूम से संबंधित तथ्यों के बारे में कुछ भ्रम पैदा हुआ। हम इन्हें स्पष्ट करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि जूम एक अमेरिकी कंपनी है, जो नासडैक पर सार्वजनिक कारोबार करती है। कंपनी का मुख्यालय भी अमेरिका के सैन जोस में स्थित है। कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी की रोकथाम के लिए देशभर में लगे लॉकडाउन के दौरान भारत में जूम के उपयोक्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ी है।
हालांकि अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी द्वारा हाल में जियोमीट की पेशकश के बाद अब जूम को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। जूम 40 मिनट तक ही नि:शुल्क वीडियो कॉलिंग सुविधा प्रदान करती है, जबकि जियोमीट असीमित मुफ्त वीडियो कॉलिंग की सुविधा देती है। इस कारण एक सप्ताह के भीतर ही जियोमीट के ऐप को करीब 10 लाख बार डाउनलोड किया जा चुका है।
सोशल मीडिया वेबसाइट मीडियम पर एक ब्लॉग में शंकरलिंगम ने कहा कि भारत जूम के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है। उन्होंने कहा, अगले पांच वर्षों में और इससे भी आगे देश में महत्वपूर्ण निवेश की योजना है। हमारी योजना कारोबार को बढ़ाने तथा भारत में कर्मचारियों की संख्या को बढ़ाने की भी है।
उन्होंने कहा कि जूम भारतीय व्यवसायों, सरकारी एजेंसियों, समुदायों, स्कूल शिक्षकों और अन्य उपयोक्ताओं को जुड़े रहने में मदद कर रही है।(भाषा)