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क्या है जीका वायरस?: मच्छरों के साथ उड़ता बड़ा खतरा

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डॉ शशांक शर्मा

मच्छर के काटने से डेंगू, मलेरिया, पीला बुखार, एन्सेफलाइटिस जैसे कई तरह के रोगों के बारे में हम सुनते आए हैं किन्तु वर्तमान में जो मच्छर द्वारा संवाहित बीमारी का खतरा सबसे बड़ा दिखाई दे रहा है, वो है ‘जीका’।

साल 2016 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन WHO ने जीका को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। गर्भवती महिलाओं के साथ ही होने वाले बच्चे पर भी जीका का खतरा अधिक बना रहता है। हाल ही में ब्राजील के मानौस स्थित फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ अमेजोनास के बायोलॉजिस्ट मार्सेलो गोर्डो ने कहा था कि अगली महामारियों में जीका वायरस भी हो सकता है। भारत में भी इसके मरीज लगातार मिलने लगे हैं।

क्या है जीका वायरस?
कबीरधाम, छत्तीसगढ़ में जिला नोडल चिकित्सा अधिकारी डॉ शशांक शर्मा बताते हैं कि जीका, मच्छर-जनित वायरल संक्रमण है जो कि संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलता है। एडीज मच्छर से ही डेंगू, चिकनगुनिया और पीला बुखार का ट्रांसमिशन होता है।

जीका वायरस गर्भवती महिला से उसके भ्रूण में भी फैल सकता है और इसके कारण बच्चे के अविकसित दिमाग (माइक्रोसेफली) के साथ पैदा होने की आशंका बढ़ जाती है। बीमारी अधिकतर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती है।

एडीज मच्छर आमतौर से दिन के समय, खास कर सुबह और शाम में काटने के लिए जाना जाता है। जीका वायरस यौन संबंध के द्वारा भी फैल सकता है।

लक्षण, इलाज और रोकथाम के उपाय
जीका के लक्षण बुखार, स्किन पर चकत्ते और जोड़ में दर्द समेत डेंगू के समान होते हैं। हालांकि जीका वायरस से संक्रमित अधिकतर लोगों में लक्षण नहीं होता, लेकिन उनमें से कुछ में बुखार, मांसपेशी और जोड़ का दर्द, सिर दर्द, बेचैनी, फुन्सी और कन्जंक्टिवाइटिस की समस्या दिख सकती है। ये लक्षण आमतौर से 2-7 दिनों तक रहते हैं। वर्तमान में जीका वायरस संक्रमण का इलाज या रोकथाम करने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है।

जीका वायरस का उपचार
अभी तक जीका वायरस का कोई आधिकारिक इलाज नहीं मिल पाया है। हां, आमतौर पर जीका वायरस के लक्षण हल्के होते हैं और इनके जानलेवा बनने का खतरा काफी कम होता है। इसलिए पैनिक होने की जरूरत नहीं, बस सचेत रहें और लापरवाही बिल्कुल मत करें।

लक्षणों व संकेतों और ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर ही जीका वायरस के मामले की पुष्टि की जाती है। जहां जीका वायरस फैल रहा है अगर उस क्षेत्र से लौटने के बाद आप खुद में लक्षण देखते हैं, तो चिकित्सा सहायता लेने में देर न करें। संक्रमण के लक्षणों का इलाज किया जा सकता है- उदाहरण के लिए, आपका डॉक्टर बुखार और सिरदर्द के लिए दवाई लेने की सलाह दे सकता है। आराम और ज्यादा से ज्यादा लिक्विड लेना भी इलाज में शामिल है।

संक्रमित व्यक्ति और उसके आसपास के स्थान पर जाने से बचें। जायें तो खुद को मच्छर काटने से बचाने के उपाय कर लें। अपने घर और आस-पड़ोस में भी मच्छरों के पनपने वाले कारकों पर नजर रखें।

इनपुट - कुमार गौरव अजीतेन्दु

(लेखक कबीरधाम, छत्तीसगढ़ में जिला नोडल चिकित्सा अधिकारी हैं)

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