चेंगडू (चीन)। दर्द के उपचार के लिए एक्यूपंक्चर की स्वीकार्यता और बढ़ी है। लेकिन इसके पीछे का विज्ञान क्या है? एक्यूपंक्चर दर्द के उपचार में कैसे काम करता है? इसका सटीक प्रमाण खोजना भूसे के ढेर में सूई ढूंढने के समान है। इस परंपरागत चीनी उपचार पद्धति के बारे में चीन समेत दुनियाभर के संस्थानों में अनुसंधान जारी हैं। इस पद्धति का इस्तेमाल करीब 2,000 सालों से हो रहा है।
परंपरागत चीनी चिकित्सकों का मानना है कि एक्यूपंक्चर आपके शरीर के माध्यम से ऊर्जा या जीवन शक्ति के प्रवाह को संतुलित कर सकता है जिसे 'की' के रूप में जाना जाता है। विशेष बिंदुओं पर सूई प्रविष्ट करने से ऊर्जा का प्रवाह फिर से संतुलित होता है।
पतली सुइयों को शरीर के विशिष्ट बिंदुओं पर डाला जाता है जिसके बारे में माना जाता है कि वह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को अधिक सक्रिय करता है। यह शरीर के अंगों को मांसपेशियों, रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क में हार्मोन प्रवाहित करने के लिए सक्रिय बनाता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल दर्द के उपचार के लिए किया जाता है लेकिन इसका इस्तेमाल प्रजनन क्षमता बढ़ाने तथा तनाव, वजन और अवसाद को नियंत्रित करने के लिए भी होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 129 देशों में किए गए सर्वेक्षण में से 80 फीसदी लोगों ने एक्यूपंक्चर का इस्तेमाल करने के बारे में कहा। एक सवाल सामने आया जिसका उत्तर कई लोग जानना चाहते हैं- वास्तव में क्या यह काम करता है? डाक्टर ताओ यिन पारंपरिक चीनी चिकित्सा के चेंगदू विश्वविद्यालय में एक शोधकर्ता हैं जिन्होंने तकनीक पर 25 से अधिक पत्रों का सह-लेखन किया है। उन्होंने 360 इंफो से बातचीत की।
एक्यूपंक्चर कैसे काम करता है? इसकी शुरुआत करने से पहले हमें पारंपरिक चीनी चिकित्सा के कुछ बुनियादी ज्ञान की जरूरत है। मानव शरीर में यिन और यांग के असंतुलन के कारण लोग बीमार पड़ते हैं। एक्यूपंक्चर यिन और यांग को संतुलित करने में शरीर की मदद कर सकता है। यह बहुत सारगर्भित हो सकता है इसलिए आधुनिक चिकित्सा पद्धति से संबंधित 3 सिद्धांत हैं- जो यह समझाने में मदद करते हैं कि एक्यूपंक्चर कैसे काम करता है?
यह सबसे अधिक मान्यता प्राप्त सिद्धांत न्यूरोएंडोक्राइन प्रतिरक्षा विनियमन सिद्धांत पर आधारित है। एक्यूपंक्चर न्यूरोएंडोक्राइन प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करके न्यूरोट्रांसमीटर, न्यूरोपैप्टाइड्स और हार्मोन के प्रवाह को नियंत्रित कर सकता है, जो शरीर में फेफड़ों, हृदयगति, रक्तचाप, पाचन, चयापचय, रक्त शर्करा और मांसपेशियों में वायु और रक्त प्रवाह तथा हड्डियों के विकास जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करता है।
एक्यूपंक्चर कुछ न्यूरोट्रांसमीटर की एकाग्रता को भी नियंत्रित कर सकता है जिसमें केमोकाइन के साथ-साथ मोनोएमीन्स और एसिटाइलकोलाइन शामिल हैं, जो शरीर में सामान्य शारीरिक क्रिया को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
एक्यूपंक्चर सिनैप्टिक प्लास्टिसिटी को बढ़ाने और न्यूरोट्रांसमीटर के स्राव को नियंत्रित करने के साथ-साथ मस्तिष्क की गतिविधि को प्रभावित करने में मदद कर सकता है। इस तरह यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की कुछ स्थितियों में सुधार या उपचार कर सकता है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta