नई दिल्ली। Wrestlers Protest : भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों में साक्षी मलिक (Sakshi Malik) को छोड़कर बाकी सभी हरियाणा स्थित अपने घर लौट गए। अब पहलवानों के प्रदर्शन के इस अखाड़ में खाप पंचायतें अपन दाव चलेगी। पहलवानों ने अपने मेडल्स गंगा में न बहाते हुए नरेश टिकैत को सौंप दिए थे। मंगलवार को किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने पहलवानों के समर्थन में 1 जून को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने का आह्वान किया है।
पहलवानों ने दावा किया कि मौन व्रत के कारण उन्होंने हरिद्वार में मीडिया से कोई बातचीत नहीं की। पहलवानों को हालांकि एक-दूसरे के कानों में फुसफुसाते हुए देखा गया था।
पहलवानों ने 23 अप्रैल को जंतर-मंतर पर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था लेकिन 28 मई को नए संसद भवन की ओर मार्च करते समय उन्हें हिरासत में लिया गया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन स्थल से उनके सामान को हटा दिया और वहां वापस आने से रोक दिया।
पहलवानों ने मंगलवार को अपने पदकों को गंगा नदी में विसर्जित करने की घोषणा की लेकिन खाप और किसान नेताओं के मनाने पर ऐसा नहीं किया।
प्रदर्शनकारी समूह के एक सदस्य ने कहा कि वे (प्रदर्शनकारी पहलवान) सुबह से रो रहे थे। जिला स्तर पर जीते हुए एक पदक को भी फेंकना आसान नहीं होता और वे उन बड़े अंतरराष्ट्रीय पदकों को विसर्जित करने के लिए तैयार थे। वे सदमे में थे, उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा था।
उन्होंने दावा किया कि उन्होंने मंगलवार को मौन व्रत धारण किया था। इसलिए हरिद्वार में किसी से बात नहीं की। सभी अपने-अपने घर लौट गए हैं लेकिन साक्षी अभी दिल्ली में हैं।
बृजभूषण के खिलाफ पोक्सो कानून (यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण संबंधी कानून) सहित दो प्राथमिकी दर्ज की गई थी। कुछ रिपोर्टों में यह दावा किया गया है कि डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाली नाबालिग, वास्तव में नाबालिग नहीं है।
अदालत को सौंपी जाएगी रिपोर्ट : भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला विचाराधीन है और जांच की स्थिति रिपोर्ट अदालत को सौंपी जाएगी। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इससे पहले, आधिकारिक सूत्रों ने कहा था कि पुलिस को महिला पहलवानों द्वारा सिंह के खिलाफ लगाए गए आरोपों के पक्ष में पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले हैं और वह 15 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
दिल्ली पुलिस ने ट्विटर पर कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि यह खबर गलत है और इस संवेदनशील मामले में पूरी संवेदनशीलता के साथ जांच जारी है।”
पुलिस की एक प्रवक्ता ने बाद में यह संदेश संवाददाताओं के साथ शेयर किया लेकिन करीब एक घंटे बाद ही दिल्ली पुलिस ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने उस संदेश को भी हटा दिया जो उन्होंने आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में पत्रकारों के लिए साझा किया था।
बाद में पुलिस प्रवक्ता ने हिन्दी में एक और संदेश शेयर किया जिसमें कहा गया, 'महिला पहलवानों द्वारा दायर मामले अभी विचाराधीन हैं। इन मामलों में जांच को लेकर अदालत के समक्ष स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जा रही है।'
उन्होंने कहा कि चूंकि मामलों की जांच चल रही है, इसलिए अदालत में रिपोर्ट दाखिल करने से पहले कुछ भी कहना प्रक्रिया के विरुद्ध होगा। सिंह भाजपा के सांसद भी हैं।
जंतर-मंतर पर चल रहा था प्रदर्शन : यहां जंतर-मंतर पर सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को पुलिस ने रविवार, 28 मई को वहां से हटा दिया था। रविवार को नये संसद भवन के उद्घाटन के बाद इन पहलवानों ने वहां तक मार्च निकालने की कोशिश की थी, जिस दौरान उन्हें हिरासत में ले लिया गया था, हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
पहलवानों ने तब घोषणा की कि वे सिंह के खिलाफ कार्रवाई की अपनी मांग के समर्थन में हरिद्वार में गंगा नदी में अपने पदक विसर्जित कर देंगे। लेकिन किसान नेताओं द्वारा इस मुद्दे को हल करने के लिए उनसे पांच दिनों का समय मांगे जाने के बाद उन्होंने पदक गंगा में विसर्जित करने का इरादा टाल दिया।