Kapil sibal on POCSO : राज्यसभा के सदस्य कपिल सिब्बल ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के मुद्दे पर बुधवार को सरकार की आलोचना की और सवाल उठाया कि पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) कानून और इसके तहत तत्काल गिरफ्तारी का प्रावधान सिंह पर इसलिए लागू नहीं होता क्योंकि वह भाजपा के सांसद हैं।
सिब्बल ने ट्वीट किया, 'क्या पॉक्सो (यौन शोषण से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने और 164 बयान दर्ज किए जाने के बाद तत्काल गिरफ्तारी बृजभूषण शरण सिंह के अलावा सभी आरोपियों पर लागू होती है...क्योंकि वह: भाजपा से ताल्लुक रखते हैं... प्रतिष्ठित महिला पहलवान कोई मायने नहीं रखते...आपके लिए क्या सिर्फ वोट मायने रखता है। सरकार को कोई परवाह नहीं है।
एक अन्य ट्वीट में सिब्बल ने कहा, सरकार और बीजेपी का कहना है: नए भारत के लिए नई संसद। मैं कहता हूं :
मुझे अपना भारत चाहिए। न नया न पुराना। जहां धार्मिक अनुष्ठानों के बिना संसद, कानून सभी के साथ समान व्यवहार करता हो, धार्मिक विश्वासों और व्यापार के लिए नागरिक नहीं मारे जाएं, अगर युवा प्यार के लिए शादी करते हैं तो उन्हें बजरंग दल का कोई डर नहीं हो, एजेंसियों का राजनीतिकरण नहीं हो और मीडिया निष्पक्ष हो।
सिब्बल की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब एक दिन पहले ही विरोधी प्रदर्शन कर रहे पहलवान ओलंपिक सहित तमाम अन्य पदक गंगा में विसर्जित करने की धमकी देते हुए हरिद्वार पहुंच गईं। हालांकि किसान नेताओं के समझाने-बुझाने के बाद उन्होंने ऐसा नहीं किया। किसान संगठनों ने उनकी समस्याओं को हल करने के लिए 5 दिन का समय मांगा है।
ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ काई कार्रवाई न होने के विरोध में हरिद्वार के प्रसिद्ध हर की पौड़ी पहुंचे थे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी। वे समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य निर्वाचित हुए थे। उन्होंने हाल में इंसाफ नामक एक मंच शुरू किया है। इस मंच का उद्देश्य अन्याय से लड़ना है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने भाजपा सांसद बृजभूषण शरणसिंह के खिलाफ 2 FIR दर्ज की थी। पहली प्राथमिकी एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है, जो यौन शोषण से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता की शील भंग करने से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गई है। दूसरी प्राथमिकी शील भंग करने के मामले में व्यस्कों की शिकायत पर दर्ज की गई है।
Edited by : Nrapendra Gupta