अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर आने वाले समय में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। माना जा रहा है कि वे दोनों देशों के बीच सुलह-शांति की कोशिशें कर सकते हैं।
इन अटकलों को बल भारत में ईरान के राजदूत के बयान से भी मिलता है। ईरान के राजदूत अली चेगेनी ने कहा है कि अमेरिका के साथ तनाव कम करने की दिशा में हम भारत के किसी भी शांति कदम का स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते हैं, हम क्षेत्र में सभी के लिए शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।
भारत समेत दुनिया का कोई भी देश इस तनाव को कम करके नहीं आंक रहा है। पूरी दुनिया न सिर्फ अमेरिका-ईरान युद्ध बल्कि तीसरे विश्वयुद्ध की आशंकाओं से भी घिर गई है। हालांकि ईरान ने इराक स्थित सैन्य ठिकानों पर 22 मिसाइलें दागकर इस आग में घी डालने का ही काम किया है।
इस हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने हालांकि 'ऑल इज वेल' कहा है। उन्होंने कहा कि वे गुरुवार सुबह इसका जवाब देंगे। जानकार इसे तूफान से पहले की शांति मान रहे हैं। माना जा रहा है कि अमेरिका इस हमले के खिलाफ कड़ा कदम उठा सकता है।
ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। क्योंकि भारत के न सिर्फ ईरान से बल्कि अमेरिका से भी अच्छे रिश्ते हैं। मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को तो 'दोस्त' कहकर संबोधित करते हैं। मुलाकात के दौरान भी दोनों नेता बड़ी सहजता से मिलते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि यदि ईरान और अमेरिका चाहेंगे तो भारत के प्रधानमंत्री 'शांति दूत' की भूमिका का निर्वाह कर सकते हैं।