नई दिल्ली। भारतीय साइबर विशेषज्ञ के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) हैक किए जा सकने का दावा करने के बीच चुनाव आयोग ने सोमवार को कहा कि वे अपनी मशीनों की पुख्ता प्रकृति के बारे में अनुभवजनित तथ्यों पर पूरी तरह कायम है और वह इस बात पर विचार कर रहा है कि मामले में क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है और क्या कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
अमेरिका में राजनीतिक शरण मांग रहे भारतीय मूल के साइबर विशेषज्ञ ने सोमवार को दावा किया कि 2014 के आम चुनाव में ईवीएम के जरिए ‘धांधली’ की गई थी। उन्होंने कहा कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है।
स्काइप के जरिए लंदन में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सैयद शुजा ने कहा कि वे 2014 में भारत से भाग गए थे क्योंकि अपनी टीम के कुछ सदस्यों की हत्या के बाद देश में उन्हें अपनी जान को खतरा था।
चुनाव आयोग ने यहां जारी एक बयान में कहा कि वह इस दुर्भावना से प्रेरित बहस का हिस्सा बनने को लेकर सावधान है और वह भारतीय चुनावों में इस्तेमाल होने वाले ईसीआई के ईवीएम की पुख्ता प्रकृति के अनुभवजनित तथ्यों के साथ दृढ़तापूर्वक खड़ा है।
आयोग ने एक बयान में कहा कि इस बात पर अलग से विचार किया जा रहा है कि मामले में क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है और क्या कार्रवाई की जानी चाहिए।
आयोग ने एक बार फिर से दोहराया कि उसके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ईवीएम का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) बेहद कड़ी निगरानी और सुरक्षा दशाओं में करते हैं।
आयोग ने कहा कि 2010 में गठित जाने-माने तकनीकी विशेषज्ञों की समिति की निगरानी में सभी चरणों में कठोर मानक संचालन प्रक्रियाओं के पालन पर बारीक नजर रखी जाती है।