वैष्णोदेवी के भक्तों के लिए बड़ी खुशखबर

सुरेश एस डुग्गर
श्रीनगर। वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए आने वाले भक्तों के लिए खुशखबरी। वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की महत्वपूर्ण भवन से भैरो घाटी रोपवे परियोजना फरवरी 2018 में पूरी होने वाली है। इसके पूरा होने के बाद श्रद्धालु महज चंद मिनटों में भवन से भैरो घाटी पहुंच सकेंगे।
 
भवन से भैरो घाटी की दूरी 1.5 किलोमीटर है। तीखी चढ़ाई के कारण सभी श्रद्धालुओं के लिए भैरो घाटी पहुंचना संभव नहीं होता। बरसात में भूस्खलन व बर्फबारी के दौरान फिसलन की जह से भक्तों को परेशानियों का सामना करते हुए भैरो घाटी पहुंचना पड़ता है। दिव्यांग, उम्रदराज व बीमार लोग चाहते हुए भैरो घाटी नहीं पहुंच पाते।
 
अनुमान के मुताबिक वैष्णो देवी के दर्शनों को आने वाले श्रद्धालुओं में से 30 से 40 फीसद भक्त ही भैरो घाटी पहुंच पाते हैं। सभी भक्त वैष्णो देवी की यात्रा पूर्ण कर सकें, इसके लिए श्राइन बोर्ड ने भवन से भैरो घाटी तक केबल कार प्रोजेक्ट बनाया। वर्ष 2013 में इसका काम शुरू हुआ।
 
रोपवे से भवन से भैरोघाटी तक की आधा किलोमीटर की दूरी को साढ़े चार मिनट में तय किया जा सकेगा। रोपवे पर दो केबल कोच लगाए जाएंगे। कोच स्वचालित होने के साथ पूरी तरह वातानुकूलित होंगे। कोच के दरवाजे स्वचालित होंगे, जो अपने आप खुलेंगे और बंद होंगे। कोच के अंदर प्राथमिक चिकित्सा के साथ ही डॉक्टर भी तैनात रहेगा।
 
कोच में सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहेंगे। कोच में हवाई जहाज जैसी सीटें व सुरक्षा के लिए सुरक्षा पेटी भी होगी। एक घंटे में 900 श्रद्धालु केबल कोच से सफर कर सकेंगे। केबल कार केवल दिन के समय ही काम करेगी, तकरीबन दिन में दस घंटे तक चलेगी। दोनों केबल कोच को जनवरी में बाई पास कर सड़क मार्ग से या फिर एयरलिफ्ट कर जनवरी 2018 में भवन पहुंचाया जाएगा।
 
श्राइन बोर्ड ने 75 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली परियोजना के लिए स्विट्जरलैंड की कंपनी गारावेंटा व भारत की दामोदर रोपवे कंपनी के साथ करार किया। लगने वाले रोपवे के लिए ज्यादातर मशीनरी व दो केबल कार कोच स्विट्जरलैंड से मंगवाए हैं। इंजीनियरों और विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में रोपवे प्रोजेक्ट का काम तेज गति से जारी है। फरवरी 2018 में काम पूरा होने के बाद भक्त केबल कार में रोपवे से भैरो घाटी दर्शन के लिए आ-जा सकेंगे।
 
अब तक परियोजना का 80 फीसद काम पूरा हो चुका है। केबल कोच के लिए भवन से भैरो घाटी तक दो टावर बनाए गए हैं। जल्द ही भवन से भैरो घाटी तक केबल बिछाने का काम शुरू होगा। यह काम पूरा होने के बाद बिछाई गई केबल पर केबल कोच फिट किए जाएंगे। वहीं, रोपवे के लिए सिविल वर्क भी पूरा कर लिया गया है। श्रद्धालु अगले साल फरवरी से केबल कोच से भैरो घाटी आ-जा सकेंगे।
 
श्राइन बोर्ड के अधिकारियो ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया जा रहा है। इसके लिए स्विट्जरलैंड की गारावेंट कंपनी की सेवाएं ली जा रही हैं और सारा निर्माण विशेषज्ञों के सुझावों के मुताबिक किया जा रहा है। यात्रा के दौरान बिजली आपूर्ति को लेकर कोई समस्या न हो, इसके लिए 33 केवीए लाइन अलग से बिछाई गई है। इसके अलावा बैकअप के लिए जेनसेट भी लगाए जाएंगे। यह परियोजना समय पर पूरी होगी। जितेंद्र कुमार सिंह, सीईओ, श्राइन बोर्ड के मुताबिक केबल कोच की विशेषताएं यह हैं कि यह एशिया का पहला केबल कोच होगा, जिसमें एक समय में 45 श्रद्धालु सवार हो सकेंगे।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

1000km दूर बैठा दुश्मन पलक झपकते तबाह, चीन-पाकिस्तान भी कांपेंगे, लैंड अटैक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

उद्धव ठाकरे की 2 दिन में 2 बार चेकिंग से गर्माई महाराष्ट्र की सियासत, EC ने कहा- शाह और नड्डा की भी हुई जांच

महाराष्ट्र में विपक्ष पर बरसे मोदी, कहा अघाड़ी का मतलब भ्रष्टाचार के सबसे बड़े खिलाड़ी

Ayushman Card : 70 साल के व्यक्ति का फ्री इलाज, क्या घर बैठे बनवा सकते हैं आयुष्मान कार्ड, कैसे चेक करें पात्रता

बोले राहुल गांधी, भाजपा ने जितना पैसा अरबपति मित्रों को दिया उससे ज्यादा हम गरीब और किसानों को देंगे

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: झारखंड में मतदान का उत्साह, पहले 2 घंटे में 13 फीसदी वोटिंग

विजयपुर उपचुनाव में वोटिंग शुरू होते ही कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी नजरबंद, कांग्रेस के कई बड़े नेता गिरफ्तार

तेलंगाना में बड़ा रेल हादसा, मालगाड़ी के 11 डिब्बे पटरी से उतरे

Petrol Diesel Prices: पेट्रोल डीजल के नए दाम जारी, जानें क्या हैं आपके नगर में भाव

Weather Update: पहाड़ों पर बर्फबारी से मैदानी भागों में बढ़ी ठंड, दिल्ली एनसीआर में कैसा है मौसम

अगला लेख
More