मध्यप्रदेश के शिवपुरी में खुले में शौच करने पर दो मासूम दलित बच्चों की हत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिले से सिरसौद इलाके में भावखेड़ी गांव में पंचायत भवन के सामने खुले में शौच करने पर दलित सगे भाई-बहन को लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला गया। मारे गए दोनों मासूमों का कसूर सिर्फ इतना था कि वे खुले में शौच कर रहे थे। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। शिवपुरी एसपी राजेश सिंह चंदेल के मुताबिक हत्या के इस मामले में अभी तक कोई ठोस वजह सामने नहीं है और पुलिस ने हत्या के आरोप में दोनों आरोपियों रामेश्वर और हाकिम यादव को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की है।
मासूम बच्चों को बताया राक्षस- दो मासूम दलितों को सरेआम लाठियों से पीट-पीटकर मार डालने वाले आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस पूछताछ में एक आरोपी हाकिम सिंह ने कहा कि उसको भगवान ने आदेश दिया है कि धरती से राक्षसों का सर्वनाश कर दो, इसलिए मैं राक्षसों का सर्वनाश करने निकला हूं। दो मासूमों की जघन्य हत्या की असली वजह तलाशने के लिए पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पुलिस की शुरुआती जांच में आपसी रंजिश के चलते इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने की बात सामने आ रही है।
दबंगों के डर के साये में दलित परिवार- वहीं इस मामले में मृतक मासूम के पिता का आरोप है कि आरोपी उसको पिछले लंबे समय से जातिसूचक शब्दों से अपमान करते थे और धमकी देते थे। इसके साथ ही आरोपियों ने उन्हें गांव से चले जाने के लिए कई बार धमकी दी थी। पीड़ित का आरोप है कि दलित होने के चलते उससे गांव में भेदभाव किया जाता था। सरकार की योजना के तहत पंचायत ने पूरे गांव में शौचालय बनवा दिया लेकिन उनके घर स्वीकृत के बाद भी शौचालय नहीं बनवाया गया। इसके साथ ही उसे गांव के हैंडपंप से पानी भी नहीं भरने दिया जाता था।
दलित की हत्या पर सियासत- शिवपुरी में दलित भाई-बहन की हत्या पर सियासत भी गर्म हो गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने शिवपुरी में दो बच्चों की हत्या की निंदा करते हुए सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि दलितों को सरकारी सुविधाओं से वंचित रखने के साथ उन्हें ज्यादतियों का शिकार बनाया जाता रहा है।
दलितों की हत्या पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि प्रदेश में अपराधी खुलकर खेल रहे है और उनमें कानून का भय नहीं है। वहीं इस पूरे मामले को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हृदयविदारक बताते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।