कोलकाता। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के थिंक टैंक मुकुल रॉय के पुत्र शुभ्रांशु रॉय अपने समर्थकों समेत भाजपा में शामिल हो सकते हैं। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से निलंबित शुभ्रांशु के साथ कुछ विधायक और पार्षद भी मंगलवार को नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं।
नई दिल्ली रवाना होने से पहले शुभ्रांशु ने कहा कि वे अब जो भी कहेंगे, दिल्ली में कहेंगे। वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल अपने नेताओं को मनाने में जुट गई है। खबरें हैं कि तृणमूल कांग्रेस के कई नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक उत्तर और दक्षिणी बंगाल से कुछ विधायकों तथा कंचरापाड़ा, हालिसहर और नैहाटी के 32 मौजूदा पार्षद श्री शुभ्रांशु के साथ हैं।
उल्लेखनीय है कि शुभ्रांशु को उनके उस खुलासे के बाद 24 मई को तृणमूल कांग्रेस से 6 साल के लिए निलंबित कर दिया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे बैरकपुर लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार दिनेश त्रिवेदी को बीजपुर निर्वाचन क्षेत्र से बढ़त नहीं दिला सकते। बैरकपुर से भाजपा उम्मीदवार अर्जुन सिंह ने चुनाव जीता है।
शुभ्रांशु ने कहा कि मुझे अपने पिता की योग्यता और राजनीतिक समझबूझ पर गर्व है। वे तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और वही बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी को समाप्ति पर ले जाएंगे।
इस बीच मौजूदा घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया में मुकुल रॉय ने कहा कि उनके पुत्र अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर किसी निर्णय के लिए खुद समझदार हैं। उनके अगले कदम के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि उनके पुत्र अपनी खुद की विश्वसनीयता के साथ विधायक निर्वाचित हुए हैं तथा वे अन्य तृणमूल कांग्रेस विधायकों की तुलना में अधिक सक्षम हैं।
नाराज नेताओं को मनाने में जुटी पार्टी : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी संगठन के पुनर्गठन के मकसद से तृणमूल कांग्रेस अपने नाराज नेताओं से संपर्क साध रही है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि 'हम ऐसा नेताओं और कार्यकर्ताओं तक पहुंच रहे हैं, जो कुछ कारणों से निष्क्रिय हो गए हैं। हम हर किसी को पार्टी में वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।
कोलकाता के महापौर और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फरहाद हकीम ने रविवार को शहर के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी से मुलाकात की, जिन्होंने सक्रिय राजनीति से विश्राम ले लिया है। उन्होंने चटर्जी से पार्टी में लौटने और संगठन की जिम्मेदारी देखने को कहा है।
हालांकि चटर्जी ने इस बाबत कोई भी वादा नहीं किया है। तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्षों ने नाराज नेताओं से मुलाकात की है और उनसे 'गलतफहमियों' को भुलाकर पार्टी में वापस आने का आग्रह किया है।