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घायल यात्रियों का मेरठ व मुजफ्फरनगर के अस्पतालों में इलाज

हमें फॉलो करें घायल यात्रियों का मेरठ व मुजफ्फरनगर के अस्पतालों में इलाज
, रविवार, 20 अगस्त 2017 (19:01 IST)
लखनऊ। मुजफ्फरनगर रेल हादसे के बाद उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा घटनास्थल पर भेजे गए कैबिनेट मंत्री सतीश महाना ने रविवार को बताया ​कि 50 से अधिक यात्री अस्पतालों में उपचार के बाद अपने घर रवाना हो गए हैं। अस्पतालों में अब 102 घायल यात्री बचे हैं जिनका नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है। यहीं नहीं, उनके परिजनों के खाने-पीने का सभी इंतजाम प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है।
 
शनिवार शाम मुजफ्फरनगर के खतौली के पास कलिंग उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी जिसमें 20 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई थी तथा 150 से अधिक यात्री घायल हो गए थे। घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी ने राज्य के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना को मुजफ्फरनगर रवाना किया था। 
 
महाना ने रविवार को मुजफ्फरनगर से भाषा को टेलीफोन पर बताया कि वे मुख्यमंत्री के निर्देश पर शनिवार रात 10 बजे मुजफ्फरनगर स्थित घटनास्थल पर पहुंच गए थे। पुलिस प्रशासन और रेलवे की मदद से राहत और बचाव कार्यक्रम चलता रहा।
 
रविवार को 50 से अधिक घायल यात्रियों को उपचार के बाद सरकार की मदद से उनके घर वापस भेज दिया गया। इस सभी को कम चोटें आई थीं। प्रदेश सरकार द्वारा यात्रियों और उनके परिजनों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद की गई।
 
उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर और मेरठ के 5 सरकारी और निजी अस्पतालों में अभी 102 घायल यात्रियों का इलाज किया जा रहा है। इन यात्रियों को सभी दवाएं और परीक्षण पूरी तरह से नि:शुल्क किए जा रहे हैं। यात्रियों के इलाज में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। जिन यात्रियों के परिजन मुजफ्फरनगर पहुंच गए हैं उनके रहने और खाने-पीने का पूरा इंतजाम प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है।
 
उन्होंने कहा जो घायल यात्री अपनी हालत को बेहतर बता रहे थे उन्हें उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था प्रदेश सरकार कर रही है। महाना ने कहा कि वे खुद 1-1 घायल यात्री और उसके परिजनों से मिल रहे हैं और उनको किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे हैं।
 
पहचान कर लिए गए शवों को पोस्टमॉर्टम के बाद उनके परिजनों को सौंपने और घर पहुंचाने की भी व्यवस्था की गई है। मुजफ्फरनगर और मेरठ के पुलिस प्रशासनिक और रेलवे अधिकारी पूरी मुस्तैदी से अपना काम कर रहे हैं। (भाषा)

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