मुजफ्फरनगर। पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस आलोक सरकार के लिए हमेशा पसंदीदा विकल्प थी। शनिवार को भी 48 वर्षीय आलोक मुजफ्फरनगर के लिए इसी ट्रेन पर सवार हुए थे, जो दुर्घटना का शिकार हो गई।
सरकार के बड़े भाई ने कहा कि कभी नहीं सोचा था कि यह उसका आखिरी सफर होगा। शनिवार शाम ट्रेन हादसे ने आलोक सरकार के परिवार को जो जख्म दिया, उससे वे सभी उबरने की जद्दोजेहद में हैं।
आलोक के भाई ने कहा कि मेरा भाई दिल्ली में संभागीय रेलवे प्रबंधक कार्यालय में काम करता था और वह मुजफ्फरनगर के लिए इसी ट्रेन में सवार हुआ था। वह हमेशा ही यही ट्रेन लेता था। शनिवार शाम खटौली के समीप इस ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए और 1 डिब्बा तो किसी मकान में घुस गया।
रेलवे ने कहा कि इस हादसे में कम से कम 21 लोगों की जान चली गई और 97 घायल हो गए। घायलों में 26 की हालत बुरी है। आलोक के एक अन्य रिश्तेदार ने कहा कि परिवार को शव मिल गया है और वह उसे अंतिम संस्कार के लिए दिल्ली ले जा रहा है।
सहारनपुर के संभागीय आयुक्त दीपक अग्रवाल ने रविवार को कहा कि हमने करीब 12 शवों की पहचान कर ली है और उनका पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है। बाद में एक अधिकारी ने कहा कि 4 और शवों की पहचान की गई है।
हताहत लोग राजस्थान, ग्वालियर, मध्यप्रदेश, अलीगढ़ आदि के रहने वाले हैं। यहां मुर्दाघर में दृश्य बड़ा भाव-विह्वल था, मारे गए लोगों के परिवार शव लेने पहुंचे थे और उनके आंसू थम नहीं रहे थे। (भाषा)