Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

राज्यसभा में उठी मांग, सुप्रीम कोर्ट में कामकाज हिन्दी में हो

हमें फॉलो करें Supreme court
, गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021 (12:49 IST)
नई दिल्ली। राज्यसभा में भाजपा के एक सदस्य ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में कामकाज हिन्दी में और उच्च न्यायालयों में कामकाज स्थानीय भाषाओं में किए जाने के लिए कानून बनाने की मांग करते हुए कहा कि इससे आम आदमी को वास्तविक रूप से न्याय मिल पाएगा।

शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए भाजपा के हरनाथ सिंह ने कहा कि लोकतंत्र की अवधारणा में जनता सर्वोपरि होती है। देश की 98 फीसदी आबादी या तो हिन्दी बोलती है या स्थानीय भाषा में संवाद करती है। मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं हो सकता।
सिंह ने कहा कि आम आदमी को पता चलना चाहिए कि यदि उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय में उसे लेकर कोई फैसला दिया गया है तो वह क्या है? इसके लिए यह जरूरी है कि उच्चतम न्यायालय में कामकाज हिन्दी में हो और उच्च न्यायालयों में स्थानीय भाषा में कामकाज हो। सिंह ने इसके लिए कानून बनाए जाने की मांग की।
 
शून्यकाल में ही कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के लोगों के कल्याण के लिए कई तरह की योजनाएं बनाई जाती हैं लेकिन कई जगहों पर अलग-अलग कारणों से इस समुदाय के लोग इन योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं। मध्यप्रदेश में सहरिया जनजाति अत्यंत पिछड़ी जनजाति है। इस समुदाय के लोगों को राज्य के चंबल और ग्वालियर संभागों में अनुसूचित जनजाति श्रेणी के लाभ मिल रहे हैं लेकिन सागर संभाग और भोपाल संभाग में उनको यह लाभ नहीं मिलता।
इस पर सदन में मौजूद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि इस बारे में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से इस संबंध में कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। बीजद के डॉ. अमर पटनायक ने सौर ऊर्जा उत्पादन से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि हर राज्य के पास इसके लिए अधिक क्षमता नहीं है लेकिन सरकार ने सबके लिए लक्ष्य तय कर दिया है। ओडिशा इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता, हालांकि उसके पास पनबिजली व्यवस्था से ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है।
 

आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि प्रभावित परिवारों को केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से 2-2 लाख रुपए दिए गए, जो पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने मांग की कि यह राहत राशि 25 लाख रुपए होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को संपत्ति का नुकसान हुआ है, उनको क्षतिपूर्ति राशि दी जानी चाहिए। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मिर्गी के दौरे की पूर्व-सूचना दे सकता है नया हेलमेटनुमा यंत्र